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Real Hero : कोरोना काल में संकट मोचक बने कुणाल षांड़गी और उनकी पत्नी, अब तक बचाई 500 लोगों की जान

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सन्नी शारद, द फॉलोअप, रांची
कोरोना संक्रमण की वजह से स्थितियां विकट है। हजारों लोगों को मदद चाहिए। कोई अस्पताल में बेड के लिए तो कोई ऑक्सीजन, दवा और भोजन के लिए उम्मीद भरी निगाह लगाए बैठा है। ऐसे वक्त में जब कई जन प्रतिनिधियों का अता-पता नहीं है, एक पूर्व विधायक लोगों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आये हैं। ये पूर्व विधायक दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हैं। ये शख्स ना केवल जमशेदपुर बल्कि झारखंड के अलग-अलग जिलों सहित देश के कई हिस्सों में लोगों की सहायता कर रहा है। 



फॉलोअप में पढ़िये कुणाल षाड़ंगी की कहानी
इस शख्स के काम से प्रभावित होकर लोग अब इन्हें झारखंड का सोनू सूद कहने लगे हैं। शख्स का नाम है कुणाल षाड़ंगी। इस नेक काम में कुणाल अकेले नहीं हैं बल्कि उनकी डॉक्टर पत्नी भी उनका पूरा साथ निभा रही हैं। वे मुफ्त में लोगों को चिकित्सीय परामर्श देती हैं। द फॉलोअप की रियल हीरो सीरीज में आज पढ़िये पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी और उनकी पत्नी की प्रेरणादायी कहानी। 

लोग इन्हें क्यों कहने लगे झारखंड का सोनू सूद
कोरोना के इस संकट में वैसे तो हर कोई अपने स्तर से एक दूसरे को मदद पहुंचा रहा है। हर कोई कोशिश कर रहा है कि जो भी उससे करता है वह उसकी मदद कर सके।  कम ही लोग हैं जो अपने इलाके और क्षेत्र की दहलीज नहीं देखते हुए भी दिल खोलकर मदद कर रहे हैं। झारखंड में एक शख्स है जो दिन-रात जरूरतमंदों की मदद में लगा है। वो हैं बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी। कुणाल पिछले 15 दिनों से बढ़ चढ़ कर लोगों की मदद कर रहे हैं। उनकी सेवा भावना से प्रभावित लोग अब उन्हें झारखंड का सोनू कह रहे हैं। 



अब तक 500 से अधिक लोगों को पहुंचा चुके हैं मदद
कुणाल षाड़ंगी और उनकी टीम ने इस 15 दिनों में अ बतक 500 से अधिक लोगों को मदद पहुंचाया है। मरीजों को बेड दिलवाने, ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने, घर तक दवा पहुंचाने के साथ-साथ खाना पहुंचाने तक का काम शामिल है। कुणाल की टीम में शामिल सदस्य पूर्णेन्दु ने द फॉलोअप को जानकारी देते हुए बताया कि 500 लोगों में 200 लोग जमशेदपुर के होंगे। इसके अलावा 200 लोग जमशेदपुर और रांची के आसपास के होंगे। साथ ही कोलकाता, भोपाल, हैदराबाद, दिल्ली और नागपुर में भी कई लोगों तक जरूरी दवा पहुंचाने के साथ-साथ उनके इलाज के लिए बेड की भी व्यवस्था कराई गई है। 100 कोरोना मरीजों के घर हर दिन खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं। 



उच्च शिक्षा प्राप्त 10 लोगों की टीम कुणाल के साथ
कुणाल षाड़ंगी ने द फॉलोअप को बताया कि लोगों तक मदद पहुंचाने में उनके साथ 10 युवाओं की टीम है जो सिम्बोसिस जैसी कंपनी में काम कर चुके हैं। कई और लोग हैं जो बैंक और विभिन्न सेक्टरों में काम करते हैं। कुणाल ने बताया कि लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। साथ ही सोशल मीडिया से भी जो मदद की अपील आ रही है उन्हें भी मदद पहुंचाया जा रहा है। टीम के सदस्यों की कुणाल खुद मॉनिटरिंग करते हैं। उन्हें निर्देश देते हैं। कुणाल के टीम के सदस्य पूर्णेन्दु ने बताया कि हर तरह की मदद के लिए अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इन ग्रुप में संदेशों के आदान-प्रदान से लोगों तक मदद पहुंचाई जा रही है। 

कोलकाता में गरीब का हॉस्पिटल बिल माफ कराया
जमशेदपुर के बर्मामाइंस निवासी संतोष शाह की 9 साल की पुत्री का इलाज कोलकाता रबिन्द्र नाथ टैगोर हॉस्पिटल में चल रहा था। बच्ची का निधन इलाज के दौरान ही हो गया। तब तक अस्पताल ने 2 लाख 30 हजार रुपये का बिल बना दिया था। परिवार बहुत ही गरीब था। ऐसे में उनपर दुःखों का पहाड़ टूट गया। परिवार के सदस्यों ने भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता को इसकी जानकारी दी। कुणाल ने अस्पताल प्रबंधन से बात करके डेढ़ लाख रुपये हॉस्पिटल का बिल माफ करवाया। कुणाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोगों को तब बहुत अफसोस हुआ जब पता चला कि 9 साल की मासूम बच्ची नहीं रही। कुणाल के अनुसार अस्पताल में भर्ती करवाने में भी उन लोगों ने मदद की थी।



रांची में पूर्व वीसी और उनके बेटे को दिलवाया बेड
कुणाल षाड़ंगी को पता चला कि कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ आर पी सिंह और उनके बेटे कोरोना की चपेट में हैं। उन्हें तुरंत ऑक्सीजन वाले बेड की जरूरत है। कुणाल षाड़ंगी ने पहले रांची डीसी और मुख्यमंत्री से मदद की अपील की। उसके बाद उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया। कुणाल ने बताया कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई। पूर्व कुलपति और उनके बेटे को बेड मिल गया। 

पत्नी डॉ श्रद्धा सुमन भी देती हैं चिकित्सीय परामर्श
कोरोना संकट से उत्पन्न हुई स्थिति से निपटने में कुणाल अकेले नहीं लगे हैं बल्कि इसमें उनकी अर्धांगिनी डॉ श्रद्धा सुमन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। इतना ही नहीं MBBS के बाद पीजी कर चुकीं डॉ श्रद्धा घर से ही पूरा कमान संभाले हुए है। श्रद्धा फोन पर कोरोना और अन्य मरीजों को फ्री में परामर्श देती हैं। कुणाल के टीम के सदस्य पूर्णेन्दु ने बताया कि डॉ श्रद्धा के अलावे भी कई डॉक्टर हैं जो मरीजों को परामर्श देते हैं। उनकी टीम लगातार मरीजों की सेवा में लगी है। 



प्लाज्मा डोनेट करने वालों को प्रमोट करे सरकार
कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि फिलहाल सबसे अधिक प्लाज्मा के लिए फोन कॉल आ रहे हैं। सबसे अधिक जरूरी है कि प्लाज्मा डोनेट करने वालों को मोटिवेट करना। सरकार को कम से कम इतना सुनिश्चित करना चाहिए कि जो लोग भी प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं उनको और उनके परिवार को वैक्सीन लगाया जाए। इससे लोगों में और ज्यादा जागरूकता आएगी। लोग मदद के लिए आगे आएंगे। 

आप भी इन नंबरों पर सम्पर्क कर मदद ले सकते हैं
मोबाइल नंबर 7667496964, 7290862718 एवं 9905501011