द फॉलोअप टीम, रांची
झारखंड सरकार का केंद्र के साथ रिश्ते ठीक नहीं है। बिजली, कोयला, राशि आवंटन सहित विभिन्न मसलों पर राज्य और केंद्र अकसर आमने सामने नजर आते हैं। इस बार दोनों के बीच की राजनीति के केंद्र में किसान हैं। हेंमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून को राज्य में लागू करने से पहले उस कानून में संशोधन करेंगे। यानी देश की संसद द्वारा पारित नया कृषि कानून उसी रूप में राज्य में लागू नहीं होगा। हालांकि इस बीच किसानों का प्रदर्शन भी जारी है, जो कृषि कानून को वापस लेने का मांग कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून वापस नहीं होगा।
कृषि कानून में संशोधन के लिए कमेटी गठित करेगी सरकार
झारखंड में कृषि मंत्री बादल ने बताया कि कृषि कानून में संशोधन के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी की मदद से यह देखा जाएगा कि संघीय ढांचे और संवैधानिक दायरे में रहकर कृषि कानून में क्या परिवर्तन किया जा सकता है। इधर राज्य सरकार ने पंजाब और राजस्थान सरकार द्वारा किये गए संशोधन का भी अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए दोनों राज्यों की रिपोर्ट का भी अध्ययन होगा। तमाम पहलुओं पर चर्चा के बाद राज्य कृषि कानून में जरूरी संशोधन कर लागू करेगा।
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झारखंड में लागू रहेगा एमएसपी
राज्य की तरफ से संशोधन किए जाने पर एसएसपी लागू रहेगी। यह भी कहा गया है कि यदि कोई उससे कम दाम में फसल खरीदता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई भी होगी। हालांकि यह तब हो सकेगा, जब राज्य सरकार कानून को संशोधित करे। इसके साथ ही किसानों के उत्पाद को बाहर भेजने की भी योजना बनेगी। सरकार अपनी तरफ से इसके लिए तैयारी कर रही है। देखना होगा कि हेमंत की सरकार कबतक इस कानून में संशोदल करती है।