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'अमृतवाहिनी एप' में मिले वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन की मंजूरी, हेमंत सरकार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रूख

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
वैक्सीनेशन प्रक्रिया में अचड़नों को लेकर झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा निर्मित अमृतवाहिनी एप के जरिए राज्य के लोगों को वैक्सीन देने की प्रक्रिया को मंजूरी दी जाये। झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक इसको लेकर राज्य की हेमंत सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आईए फाइल किया है। राज्य सरकार ने आईए के माध्यम से देश की सर्वोच्च अदालत से कई बिंदुओं पर निर्देश देने के लिए गुहार लगाई है। 

कोविन की जगह अमृतवाहिनी को मंजूरी
झारखंड की हेमंत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि कोविन एप्प की जगह वैक्सीनेशन के लिए अमृतवाहिनी एप के इस्तेमाल की मंजूरी दी जायेगी। अदालत इस मामेल में निर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि झारखंड में 18 प्लस आयु वर्ग वाले नागरिकों की संख्या 1 करोड़ 4 लाख से ज्यादा है। इन सबको वैक्सीन दिया जाना है। यदि अमृतवाहिनी द्वारा कोरोना का टीका लगाया जाये तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकेगी। 

टीका लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी
गौरतलब है कि फिलहाल 18 प्लस आयु वर्ग के नागरिकों को टीका लगवाने के लिए कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसकी प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। झारखंड के कई इलाकों में लोगों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट का अभाव है। इसकी वजह से भी कई लोगों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता। झारखंड सरकार ने लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए अमृतवाहिनी एप तैयार किया है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनो ही तरीकों से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। 

झारखंड में 48 फीसदी है ग्रामीण आबादी
हेमंत सरकार ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि झारखंड की कुल आबादी का तकरीबन 48 फीसदी हिस्सा ग्रामीण इलाके में रहती है। इस आबादी में अधिकांश लोग डिजिटली शिक्षित नहीं है। कोविन के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाने में उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है। झारखंड में भी इस वक्त नागरिकों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड का टीका लगाया जा रहा है।