द फॉलोअप टीम, रांची:
जमीयत-उलमा-ए-हिंद के झारखंड अध्यक्ष मौलाना असरार-उल-हक मजाहिरी ने कहा कि जमीयत का काम को मिलजुल कर करना चाहिए। वह मंगलवार को कर्बला चौक हवारी मस्जिद राज्य कार्यालय में हुई जमीयत की राज्य बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में झारखंड के सभी जिलाध्यक्षों, सचिव, कोषाध्यक्षों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें निर्णय लिया गया कि जमीयत-उलमा-ए-हिंद के झारखंड अध्यक्ष का चुनाव सितंबर में होगा। प्रत्येक जिले में सदस्यता के विवरण को देखने के लिए एक समिति बनेगी। जिसकी जिम्मेदारी जमीयत के कोषाध्यक्ष शाह उमैर को दी गई है। वे अपनी इच्छानुसार 5 लोगों की एक समिति बना सकते हैं। यह निर्णय लिया गया कि सभी जिला कोषाध्यक्षों, अध्यक्ष, सचिव लेखा, जोखा, आय-व्यय का विवरण राज्य कोषाध्यक्ष को आखरी अगस्त तक सौंप देंगे।
मोहल्ले के चौक-चौराहों पर धूमधाम से मनाएं स्वतंत्रता दिवस
बैठक में उपाध्यक्ष हजरत मौलाना मोहम्मद ने कहा कि शादी को आसान बनाया जाना चाहिए। उलमा को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। वहीं मौलाना डॉ ओबैदुल्लाह कासमी ने कहा कि 15 अगस्त के मौके पर मुस्लिम मोहल्ले के चौक चौराहों पर स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाए। जमीयत के कोषाध्यक्ष शाह उमैर ने कहा कि सदस्यता पूरी तरह से साफ सुथरी होनी चाहिए। जमीयत का काम किसी एक पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कार्यवाहक महासचिव हजरत मौलाना मुफ्ती कमर आलम कासमी ने कहा कि जिस मस्जिद में इमाम और मकतब की व्यवस्था न हो वहां इमाम को बहाल किया जाए और उसके वेतन की व्यवस्था की जाए। जमीयत रांची जिले के महासचिव हजरत मौलाना अब्दुल कय्यूम कासमी ने कहा कि अरकान के लिए सभी जिलों के अध्यक्ष और सचिव को अधिकार दिया जाना चाहिए। जमीयत के प्रदेश उपाध्यक्ष और जमीयत दुमका जिले के अध्यक्ष हजरत मौलाना नेमतुल्ला कासमी ने कहा कि सभी जिलों में दिनी तालीमी बोर्ड द्वारा समितियां बनाई जाएं और गांवों में मकतब स्थापित किए जाएं।
रांची में जमियत उलेमा झारखंड की राज्य बैठक आयोजित
रांची में हुुुई जमियत की राज्य बैठक की शुरुआत कारी एहसान के तिलावत से हुई। नात पाक हाफिज जुनैद हुसैन चतरा ने पढ़ा। मौके पर कारी असजद, मौलाना रफ़ीक़ दुमका, क़ाज़ी उज़ैर, मौलाना हारून खरसावां, मौलाना अलीमुद्दीन नगरी, मौलाना हसीबुल्लाह पाकुड, मौलाना डॉ असगर मिस्बाही रांची, मौलाना वाजिद लातेहार, मौलाना जियाउल्लाह लातेहार, हाफिज अफरोज, आदिल रशीद, अफरोज, हाफिज शमसुद्दीन, कारी खुर्शीद, मौलाना शोएब अख्तर, हाजी जहीर इस्लाम, हाफिज खुर्शीद, कारी अखलद, कारी मुश्ताक, मौलाना इब्राहिम धनबाद, मौलाना अब्दुल हमीद लोहारगा, मौलाना रिजवान देवघर, सैफुल्ला धनबाद, मुफ्ती जाहिद, कारी एहसान, हाजी मुस्लिम, हाजी शाकिर, मौलाना अनस, मौलाना अंसार, मुफ्ती तल्हा, मुफ़्ती सलमान सहित कई लोग शामिल हुए।