द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
केंद्र में कैबिनेट के संभावित विस्तार, बिहार में राजद की सियासत के बीच दिल्ली से एक खबर जैसे ही पटना पहुंची। हड़कंप मच गई है। खबर यह है कि लोक जन शक्ति पार्टी (लोजपा) के पांच सांसदों ने अध्यक्ष चिराग पासवान का साथ छोड़ दिया है। चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को नेता चुन कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को जानकारी भी दे दी है। इन सांसदों में पारस के अलावा वीणा सिंह, चंदन सिंह, महबूब अली कैसर और प्रिंस शामिल हैं। पारस रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। इसके साथ बड़ी खबर यह है कि यह सभी सांसद जदयू में शामिल हो सकते हैं।
पारस बोले, चिराग के मनमानी से नाराज थे सांसद
पूरे प्रकरण पर पशुपति पारस ने कहा कि चिराग की मनमानी के कारण मजबूरी में यह फैसला लिया गया है। उन्होंने चिराग पर राम विलास पासवान के सपनों को तोड़ने का आरोप लगाया है। वहीं यह भी कहा कि चिराग़ साथ रहना चाहें तो उनका स्वागत है।
चिराग रूठों को मनाने में जुटे, पहुंचे चाचा के घर
इधर, चिराग अपने चाचा पारस को मनाने में जुट गए हैं। वो दिल्ली स्थिात उनके आवास पर मिलने भी गए। लेकिन जब उनके आवास पहुंचे तो गेट पर इंतजार करते रहे। 20 मिनट बाद दरवाजे के अंदर जाने की अनुमति उन्हें मिली। लेकिन चाचा से मुलाकात न हो सकी। पशुपति घर पर नहीं थे।
जदयू का देखिये कटाक्ष कैसा
लोजपा की टूट पर जदयू की ओर से बड़ा बयान आया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने कटाक्ष किया है, करता था सो क्यों किया, अब करि क्यों पछताय। बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खाय। कबीर दास का यह दोहा लोजपा के राजनीतिक मूल्यों और चिराग पासवान पर बिल्कुल फिट है।