झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल की छठी बैठक में शनिवार को शामिल हुए। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने पीएम के सामने कई मांगें रखी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग से कॉलम बनाया जाना चाहिए। बुजुर्गों को मिलने वाला पेंशन सर्वव्यापी होना चाहिए। मनरेगा में मजदूरी दर बढ़नी चाहिए। खनन क्षेत्र में पार्टनरशिप के तहत कार्य होना चाहिए।
अलग से आदिवासी मंत्रालय भी बनना चाहिए
बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र में आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए अलग से आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ। संविधान की पांचवी और छठी अनुसूची भी आदिवासियों के लिए बनाई गयी। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है जिसकी सभ्यता, संस्कृति और व्यवस्था बिलकुल अलग है। राष्ट्रीय जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग कॉलम की मांग रखी जा रही है। सीएम ने कहा कि सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव भी विधानसभा से पारित करके भेजा गया है। उन्होंने कहा कि, हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
बुजुर्गों को यूनिवर्सल पेंशन दे केंद्र सरकार
सीएम हेमंत सोरेन ने नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में कहा कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम होनी चाहिए। बुजुर्गों की शिकायत रहती है कि उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलता। संबंधित अधिकारी से पूछने पर पता चलता है कि टारगेट पूरा हो चुका है। सीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यूनिवर्सल पेंशन देकर बुजुर्गों को लाभान्वित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साल 2007 के बाद से पेंशन की राशि में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। राज्य सरकार जरूर इसे बढ़ा रही है।
सशक्त गांव से ही आत्मनिर्भर बनेगा भारत
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों में लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाना चाहती है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कृषि, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार लाह और रेशन की खेती को भी कृषि कार्य का दर्जा देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सीएम ने पीएम मोदी के समक्ष कहा कि, मुझे लगता है भारत आत्मनिर्भर देश तभी बन जाएगा जब ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।
सीएम ने की मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने की मांग
सीएम हेमंत सोरेन ने इस मौके पर कहा कि मनरेगा में मजदूरी की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। झारखंड में केंद्र की तरफ से मनरेगा के तहत तय की गई राशि 202 रूपये है। ये अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है। मनरेगा की कार्ययोजना की कमी की वजह से राज्य के कम श्रमिकों को इसका लाभ मिल पा रहा है। केंद्र सरकार को मजदूरी की दर में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में एनटीपीसी और बीआरओ के लिए कार्य करने गए श्रमिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। सशक्त कानून के अभाव में श्रमिकों को शोषण का सामना करना पड़ता है।
खनन क्षेत्र में राज्य-केंद्र के बीच पार्टनरशिप जरूरी
मीटिंग में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड खनिज प्रधान देश है। राज्य और केंद्र के बीच इन मुद्दों पर कई बार बात हुई लेकिन ये लाभदायक साबित नहीं हुई। केंद्र सरकार को खनन की रॉयल्टी, डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फाउंडेशन ट्रस्ट फंड के अतिरिक्त पार्टनरशिप की दिशा में भी काम करना चाहिए। सीएम ने कहा कि इससे राज्य के लोगों के विकास में मदद मिलेगी। इसके अभाव में लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ता है।
राज्य के लिए समुचित फंड दे केंद्र सरकार
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार जो बजट बनाती है, उसमें झारखंड को दिया जाने वाला शेयर महज 1750 करोड़ रुपये था, लेकिन अब से महज 1200 करोड़ रुपया कर दिया गया है। इससे राज्यों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के समय डीवीसी ने राज्य सरकार के खाते से 2 हजार 131 करोड़ रुपये की कटौती कर ली। झारखंड के लिए ये फैसला काफी मुश्किलों भरा साबित हुआ। झारखंड एक श्रमिक प्रधान देश है, सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
फॉरेस्ट क्लीयरेंस नीति लचीला बनाए केंद्र सरकार
सीएम ने मीटिंग में ये भी कहा कि केंद्र सरकार को फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लचीला बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड का बड़ा हिस्सा जंगल-झाड़ी से भरा हुआ है। उद्योग स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के उद्योग और उद्यमियों को फॉरेस्ट क्लीयरेंस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अधिगृहित की गई जमीन के बदले जमीन उपलब्ध कराने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यदि फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लचीला बनाया जाए तो उद्योग स्थापित करने में आसानी होगी।