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पहले चरण की वोटिंग में एनडीए के 7 योद्धाओं से भिड़ने को कांग्रेस के रणबांकुरे तैयार, तेजस्वी की प्रतिष्ठा दांव पर

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द फॉलोअप टीम, पटना 
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के तहत जिन 71 विधानसभा क्षेत्रों में 28 अक्टूबर को मतदान होना है, उनके लिए सोमवार की शाम प्रचार समाप्त हो गया। बिहार विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश में सत्ताधारी राजग का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन रैलियों को संबोधित की, जहां उन्होंने मतदाताओं से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में फिर से राजग की सरकार बनाने का अपील की। 

कांग्रेस की हाईप्रोफाइल सीटें
बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रथम चरण में दो रैलियों को संबोधित किया। उनकी पार्टी कांग्रेस लालू प्रसाद की राजद और तीन वाम दलों के साथ मिलकर यह चुनाव लड़ रही है। पहले चरण की वोटिंग के दौरान एक एक बात गौर करनेवाली यह है कि एनडीए खेमे के जितने भी बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं, उनमें से ज्यादातर के खिलाफ महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के प्रत्याशी चुनौती पेश कर रहे हैं। आइए एक नजर डालते हैं पहले चरण की हाई प्रोफाइल सीट पर जहां से कांग्रेस मुकाबले में है।

कौन-कौन सी हैं हाई प्रोफाइल सीटें?
लखीसराय: लखीसराय विधानसभा सीट से मंत्री विजय कुमार सिन्हा लगातार तीसरी जीत दर्ज करने चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले 2010 और 2015 के विधानसभा चुनावों में भी विजय कुमार सिन्हा बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। एक बार फिर से बीजेपी ने विजय कुमार सिन्हा को मैदान में उतारा है। विजय कुमार सिंह को विधानसभा पहुंचने से रोकने के लिए महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के प्रत्याशी अमरीश कुमार हैं। वहीं बीएसपी की ओर से राजीव कुमार धानुक चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं।

गया सदर: मोक्ष की नगरी गया बीजेपी के वर्चस्व वाली सीट है। इस सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार 1990 के चुनाव से विधायक बनते आ रहे हैं। नीतीश कैबिनेट के मुख्य चेहरे प्रेम कुमार एक बार फिर से बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं। उनके सामने महागठबंधन की तरफ से चुनौती पेश करने के लिए कांग्रेस के अखौरी ओंकार मैदान में हैं।

राजपुर (सुरक्षित): बक्सर जिले की राजपुर विधानसभा सीट का गठन 1977 में हुआ था। इस सीट पर अबतक 10 चुनाव हो चुके हैं। 2015 में यहां से जेडीयू ने नीतीश सरकार के परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला लगातार दूसरी बार चुनाव जीते थे। इस बार फिर से जेडीयू ने उनपर विश्वास जताया है। इस सीट पर भी महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के विश्वनाथ राम मैदान में हैं। एलजेपी से निर्भय कुमार निराला और बीएसपी से संजय मुखिया चुनावी मैदान में हैं।

जमालपुर: ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार जमालपुर सीट से मैदान में हैं। शैलेश कुमार को रोकने के लिए महागठबंधन ने यहां भी कांग्रेस के अरूण कुमार को मैदान में उतारा है। बीएसपी से सुबोध तांती, एलजेपी से दुर्गेश कुमार, और पप्पू यादव की जाप से महेश यादव चुनावी समय में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। शैलेश के सामने लगातार चौथी बार सीट निकालने की चुनौती होगी तो उनके विरोधी सीट जीतने में कोई कमी कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।

बरबीघा: इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजो सिंह के बेटे सुदर्शन जेडीयू के टिकट पर मैदान में हैं। इस सीट पर राजो सिंह के परिवार के नाम पर वोट मिलते रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए कांग्रेस से गजानंद शाही ऊर्फ मुन्ना शाही को मैदान में उतारा है।

बिक्रम: बिक्रम विधानसभा सीट पर बीजेपी के अतुल कुमार, कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरभ और निर्दलीय अनिल कुमार सहित 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इस सीट से पिछले बार कांग्रेस के सिद्धार्थ ने बाजी मारी थी। उन्होंने बीजेपी के अनिल को 44311 मत से हराया था।

हरनौत: इस सीट से जेडीयू ने बुजुर्ग नेता और पूर्व मंत्री हरिनारायण सिंह को एक बार फिर से मैदान में उतारा है। साल 1967 से ये पहले यह बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र का भाग था, लेकिन 1972 में परिसीमन में हरनौत विधानसभा सीट अस्तित्व में आया। हरनौत विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार बार चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें 1977 और 1980 के चुनाव में हार मिली, जबकि 1985 और 1995 के चुनाव में विजयी हुए। हरनौत सीट को जेडीयू का अभेद्य किला माना जाता है। 2005 से लेकर अबतक हुए चुनावों में पार्टी यहां से लगातार जीतती रही है। इस बार हरिनारायण सिंह को रोकने के लिए महागठबंधन ने कांग्रेस नेता गूंजन पटेल को प्रत्याशी बनाया है।

सात सीटों पर एनडीए के बड़े नेता
इस प्रकार पहले चरण में करीब सात ऐसी सीटें हैं जहां नीतीश सरकार के मंत्री एनडीए के खेमे के बड़े नेता चुनाव मैदान में हैं। उन्हें रोकने के लिए महागठबंधन ने कांग्रेस के प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। महागठबंधन की अगुवाई आरजेडी कर रहा है, लेकिन बड़ी सीटों पर कांग्रेस को मुकाबला करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

इन आठ मंत्रियों के भाग्य का होगा फैसला
विजय कुमार सिन्हा: बीजेपी के नेता और श्रम मंत्री
डॉ प्रेम कुमार: कृषि मंत्री और बीजेपी के नेता
कृष्ण नंदन वर्मा: जेडीयू नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री
बृजकिशोर बिंद: अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री
संतोष कुमार निराला: बिहार सरकार के परिवहन मंत्री और जेडीयू नेता
शैलेश कुमार: ग्रामीण कार्य मंत्री और जेडीयू नेता
जय कुमार सिंह: बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री और 
रामनारायण मंडल: राजस्व मंत्री जैसे दिग्गज शामिल हैं। 

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पहले चरण में इन सीटों पर होगा मतदान
बिहार चुनाव के पहले में 16 जिलों के 71 सीटों पर मतदान होना है, जिसके लिए 31 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। पहले चरण में बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, औरंगाबाद, पटना, रोहतास, कैमूर और बक्सर के जिन 71 सीटों पर मतदान होगा वो इस प्रकार हैं- कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया (एससी), बांका, कटोरिया (एसटी), बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़, लखीसराय, शेखपुरा, बारबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बराहरा, आरा, अगियांव (एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, दुमरांव, रायपुर (एससी), मोहनिया (एससी), भाबुआ, चैनपुर, चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, देहरी, कराकट, अरवल, कुर्था, जेहानाबाद, घोसी, मखदूमपुर (एससी), गोह, ओबरा, नबी नगर, कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोध गया (एससी), गया टाउन, टीकरी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, राजौली (एससी), हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर, वरसालीगंज, सिकंदरा (एससी), जमुई, झाझा, चकाई में वोट डाले जाएंगे। अब देखना है कि कल के मतदान में जाति हावी होती है या जनता विकास और रोजगार के नाम पर अपने मताधिकार का प्रयोग करती है।