द फॉलोअप टीम, लोहरदगा:
महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड सरकार के निदेश पर समाज कल्याण कार्यालय, लोहरदगा की ओर से जिले में डायन प्रथा उन्मूलन के लिए एक प्रचार रथ को आज उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो द्वारा समाहरणालय परिसर से सभी प्रखंडों के लिए रवाना किया गया। इस प्रचार रथ के साथ एक कला दल का जत्था भी अगले सात दिन साथ में रहेगा |
गौरतलब है कि इस रथ के जरिये कलाकारों द्वारा डायन प्रथा उन्मूलन हेतु लोगों को जागरूक किया जाएगा। यह प्रचार रथ 5 अक्टूबर को भंडरा, 6 अक्टूबर को कैरो, 7 अक्टूबर को कुडू, 8 अक्टूबर को सेन्हा, 9 अक्टूबर को किस्को और 10 अक्टूबर को पेशरार प्रखंड में मौजूद रहेगा जहां लोगों को डायन प्रथा उन्मूलन के प्रति जागरूक किया जाएगा। आज समाहरणालय परिसर में रथ को रवाना करते समय उपायुक्त के साथ उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, आइटीडीए परियोजना निदेशक संजय कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मनीषा तिर्की समेत अन्य उपस्थित थे।
डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2001 के तहत
• किसी महिला को 'डायन' के रूप में पहचान करने वाले तथा उस पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कारवाई करने वाले को अधिकतम तीन महीने तक कारावास की सजा अथवा एक हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों सजा से दधिडत करने का प्रावधान है।
• किसी औरत को 'डायन' के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना जानबूझकर या अन्यथा प्रताड़ित करने पर छः माह की अवधि के लिए कारावास की सजा अथवा दो हजार रूपये तक जुर्माने अथवा दोनों सजा से दण्डित करने का प्रावधान है।
• किसी औरत को 'डायन' के रूप में पहचान करने के लिए साक्ष्य या अनवधता से अन्य व्यक्ति अथवा समाज के लोगों को उकसाने या षडयंत्र रचने या सहयोग करने की स्थिति में तीन महीने तक का कारावास अथवा एक हजार रूपये तक के जुर्माने अथवा दोनों सजा से दण्डित करने का प्रावधान है।
• 'डायन' के रूप में पहचान की गई औरत को शारीरिक या मानसिक हानि पहुँचाकर अथवा प्रताड़ित कर 'झाड़-फूंक' या 'टोटका' द्वारा उपचार करने वाले को एक साल तक के कारावास की सजा अथवा दो हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनो सजा से दण्डित करने का प्रावधान है।
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