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इतिहास पर राजनीति : सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने पर भड़के केएन त्रिपाठी, कहा-दया प्रकाश सिन्हा का पद्मश्री वापस लो

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द फॉलोअप टीम, रांचीः
भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ से जुड़े लेखक दया प्रकाश सिन्हा के सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से किए जाने पर पटना में गरम हुए सियासी तापमान की लपटें अब झारखंड तक पहुंच गई हैं। झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने भारत सरकार से अविलंब कार्रवाई की मांग की है। कहा कि दया प्रकाश सिन्हा से साहित्य अकादमी तथा पद्मश्री सम्मान तुरंत वापस लिया जाए।

बता दें कि भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ से जुड़े लेखक पूर्व आईएएस अधिकारी दया प्रकाश सिन्हा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी। उनके इस बयान की जदयू एवं राजद के नेताओं ने निंदा करते हुए भाजपा से उन पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में जेडीयू-बीजेपी आमने-सामने है। 

औरंगजेब से तुलना अक्षम्य अपराध है 
के एन त्रिपाठी ने कहा कि सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करना मगध के स्वर्णिम इतिहास को विकृत करने का प्रयास है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि मगध का एक गौरवमयी अतीत रहा है। चाणक्य और चंद्रगुप्त द्वारा स्थापित मौर्य वंश के महान शासक सम्राट अशोक के शासनकाल को इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं। सम्राट अशोक से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ जिसने अखंड भारत-  आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जितने बड़े भूभाग पर एकछत्र राज किया हो। ऐसे महान शासक की तुलना औरंगजेब से किया जाना अक्षम्य अपराध है ।

पार्टी से बर्खास्त करे 
के एन त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अविलंब दया प्रकाश सिन्हा को अपनी पार्टी से बर्खास्त करे एवं उन्हें दिया गया साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पद्मश्री सम्मान वापस ले। अगर वह ऐसा नहीं करते है तो समझा जाएगा कि भाजपा भी उनके इस कुकृत्य में सहयोगी है। के एन त्रिपाठी ने कहा कि बीजेपी की सरकार मगध और भारत को अपमानित करने वालों को पुरस्कृत की है कि मगध फाउंडेशन पूरे देश में घूम कर दया प्रकाश सिन्हा के इस कुकृत्य का विरोध करेगा। दया प्रकाश सिन्हा का यह बयान अशोककालीन मगध क्षेत्र समेत पूरे भारत की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। भारत सरकार जब तक उन पर कार्रवाई नहीं करती है तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे।