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बिहार में क्यों हो रहा 11 जून का इंतज़ार, सियासत में बढ़ी तपिश की वजह जानिए

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द फॉलोअप टीम, पटना:

फ़िज़ा में कोरोना का ख़ौफ़ कम हो रहा, बारिश ने ठंडक में इज़ाफ़ा किया हो, लेकिन राजधानी पटना का सियासी तापमान बढ़ने लगा है। देश की राजधानी दिल्ली में बैठे कुछ दिनों पहले जेल से बाहर आये राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की गतिविधियां अतिरिक्त राजनीतिक तपिश पहुंचा रही हैं। वो लगातार नेताओं से फोन-संवाद कर रहे हैं। राजद के कई विधायक उनसे मिल रहे हैं।

पटना में बेसब्री से है 11 जून का इंतजार
इधर, पटना में लोगों को 11 जून का इंतज़ार बेसब्री से है। सियासी गलियारे में इससे हलचल बढ़ गयी है। खबर आ रही है कि 11 जून को लालू का जन्मदिन है। वो दिल्ली से पटना लॉक डाउन खुलते ही आएंगे। उस दिन बड़ी खबर मीडिया को मिल सकती है। चलिए उन कारणों का पता करते हैं।

मांझी-सहनी की मुलाकात से गरमाई सियासत
दरअसल पूर्व सीएम और सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी और वीआईपी पार्टी के प्रमुख व बिहार में मंत्री मुकेश सहनी की मुलाक़ात ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। दोनों नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज़ चल रहे हैं। इधर दो माह से ही मांझी के बयान विटामिन दी लाइन जो बता रहे हैं, उससे ज़ाहिर है कि वो सरकार में ज़्यादा दिनों तक साथ नहीं रहने वाले। कभी वो सरकार की आलोचना करते हैं, तो कभी तेजस्वी यादव की तारीफ। लालू यादव से भी सम्पर्क उनका बना हुआ है। मुकेश भी बहुत संतुष्ट नहीं है। बिहार में पंचायती राज के प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो रहा है। अब मांग यह हो रही है कि जब तक नए प्रतिनिधियों का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक वर्तमान जन प्रतिनिधियों का अधिकार जारी रखा जाए।  प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की इस मांग का मांझी और सहनी ने भी समर्थन किया।

राजद का  बयान, इस बरसात में डूब जाएगी नीतीश सरकार
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने दो जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। पार्टी प्रवक्ता दानिश रिज़वान के मुताबिक़ इसमें जनहित और पार्टी की मजबूती को लेकर चर्चा होगी। इसमें पकने वाली खिचड़ी की भनक भांपने में लोग लगे हुए हैं। मांझी और सहनी की मुलाकात को राजद मौके के तौर पर देख रही है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया है कि एनडीए सरकार में मांझी और सहनी की उपेक्षा की जा रही है। दोनों से किसी भी फैसले में सलाह नहीं ली जाती है। जबकि बिहार में इनके सहारे एनडीए सरकार चल रही है। उन्होंने दावा किया कि दोनों नेताओं की मुलाकात रंग लाएगी और इस बरसात में बिहार में एनडीए की नाव डूब जाएगी।


क्या अपने जन्म दिन पर अपने चाहने वालों को लालू देंगे तोहफा!
पटना में खबर आम हो रही है कि 11 जून को लालू यादव अपने चाहने वालों को कोई बड़ा तोहफा देंगे। क्या देंगे, यह क़यास है। आपको संकेत में समझना होगा। बिहार विधान सभा में अभी एनडीए को 128 विधायक का समर्थन प्राप्त है, जिसमें 4 मांझी के और 4 मुकेश सहनी के विधायक हैं। यह नाराज़ हैं। अगर उधर से हट गए तो जाहिर है, इधर ही आएंगे। इधर यानी महागठबन्धन की ओर, एआईएमआईएम के 5 विधायक हैं, सभी महागठबंधन को बिना शर्त समर्थन देने को पहले ही कह चुके हैं। बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायक का समर्थन तेजस्वी यादव को चाहिए होगा। अभी राजद के 75, कांग्रेस के 19 और वाम दल के 16 विधायक उनके साथ हैं। अब आप जोड़-घटाव कीजिये। याद रखिये राजनीति में सब कुछ संभावना पर टिका होता है।

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