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लापरवाही: कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग! पांच महीने पहले लिए गए सैंपल की नहीं हुई जांच

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द फॉलोअप टीम, लातेहार: 
लातेहार जिला में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। लातेहार के गारू रेफरल हॉस्पिटल में कोरोना जांच के विषय में बहुत बड़ी लापरवाही बरती गयी। जानकारी के मुताबिक कोरोना जांच के लिए ग्रामीणों का सैंपल लिया गया लेकिन अभी पांच महीने बीत जाने के बाद भी सैंपल की जांच नहीं की गयी। अंदाजा लगाइये कि इनमें से एक भी कोरोना पॉजिटिव होगा तो कितना गंभीर संकट होगा। 

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की लापरवाही
इस पूरे मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की भूमिका काफी संदिग्ध है। कहा जा रहा है कि इसमें प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ने बहुत लापरवाही बरती। इस पूरे मामले का खुलासा भी काफी दिलचस्प तरीके से किया गया। जानकारी के मुताबिक गारू रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भारत भूषण भगत सहित 18 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित पाये गये थे। ऐसी स्थिति में बंदुआ उपस्वास्थ्य केंद्र के एपपीडब्ल्यू मनोज कुमार और बारेसाढ़ उपस्वास्थ्य केंद्र के एमपीडब्ल्यू संतोष कुमार की ड्यूटी गारू रेफरल अस्पताल में लगाई गयी थी। 

कोरोना जांच के नाम पर सैंपल से खिलवाड़
गारू अस्पताल में नियुक्त दोनों पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कोरोना सैंपल की जांच की जाये और रिपोर्ट विभाग में जमा की जाये। इस दौरान पता चला कि अस्पताल में पहले से ही जांच के लिए लिया गया सैंपल का 1 हजार 358 टीएन किट और 452 आरटी-पीसीआर किट रखा हुआ है। एमपीडब्ल्यू मनोज कुमार और संतोष कुमार ने प्रभारी चिकित्सा प्रभारी से पुराने किट की जानकारी मांगी। आरोप है कि जवाब में प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ने इन्हें फटकार लगाई और नौकरी खा जाने की धमकी दी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने फोन भी काट दिया। 

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध
अभी तक की जांच में ये बता सामने आई है कि लातेहार के गारू रेफरल अस्पताल में कोरोना जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। पांच महीने पुराना सैंपल पड़ा है जिसकी जांच ही नहीं की गयी। स्थिति की समीक्षा नहीं की गयी। अंदाजा लगाइये कि यदि उन सैंपल में से 1 भी कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। जवाबदेही किसकी होगी। इस पूरे प्रकरण में गारू रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की भूमिका काफी संदिग्ध है।