द फॉलोअप टीम, रांची:
बीते दो दिनों में रिम्स में 2 लोगों को आंख की रौशनी दी गई। दोनों मरीजों को दिखाई नहीं देता था लेकिन सफल प्रत्यारोपण के बाद अब दोनों दुनिया देख सकेंगे। अब सवाल यह है कि दोनों को कॉर्निया मिला कहां से। बता दें कुछ दिनों पहले धनबाद में एक महिला का एक्सीडेंट हो गया था। धनबाद से महिला को रिम्स रेफर किया गया था। दो दिन पहले इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी।
महिला की मौत के बाद महिला के पति ने निर्णय लिया कि उनकी पत्नी का नेत्र दान कर दिया जाए। इसके बाद रिम्स के आई डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. राजीव गुप्ता की टीम तुरंत मृत महिला की कॉर्निया निकाली और उसे आई बैंक में रखा गया। इसके बाद एक कॉर्निया को भोजपुर के 26 वर्षीय मरीज व दूसरे कॉर्निया को डोरंडा की 67 वर्षीय महिला में ट्रांसप्लांट किया गया। डॉक्टर के अनुसार अब दोनों जल्द दुनिया देख सकेंगे। चिकित्सकों का कहना है कि ये सराहनीय कदम है।
अमित को मिली आंखो की रौशनी
भोजपुर के मरीज अमित कुमार की दोनों आंखें खराब हो गई थी। अमित देख नहीं सकते थे। परिजन कई सालों से उनका इलाज करा रहे थे लेकिन कोई परिणाम नहीं मिल रहा था। रिम्स में इलाज के बाद अमित को आंखें दोबारा मिल गयी। परिजनों ने महिला के पति का भी आभार जताया। डॉक्टरों ने बताया डाल्क टेक्निक से आंख का प्रत्यारोपण किया गया है।
मोतियाबिंद में चली गई थी रौशनी
इधर 67 वर्षीय मंजू देवी का मोतियाबिंद के इलाज के दौरान आंख की रोशनी चली गई थी। अब उनके कॉर्निया का सफल प्रत्यारोपण किया गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव गुप्ता की देखरेख में डॉ. सुनील कुमार व उनकी टीम ने यह सफल प्रत्यारोपण किया। इसमें आई बैंक के प्रबंधक अभिमन्यु कुमार, मो. सफी असलम, परवेज आदि ने सहयोग किया।