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विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कल: इंसाफ के लिए विभिन्न संगठनों के जुटान में उठी सरकार पर दबाव डालने की आवाज

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द फॉलोअप टीम, रांची:

विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की पूर्व संध्या में अल्पसंख्यकों की समस्याओं के हल और मॉब लिंचिग जैसे मामले में इंसाफ के लिए विभिन्न संगठनों के जुटान में सरकार पर दबाव डालने की आवाज उठी। जुटान सत्यभारती सभागार, रांची में हुआ। आयोजन हॉफमैन लॉ एसोशिएशन, ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम, सिख फेडरेशन रांची, लहू बोलगा आदि सर्वधर्म संगठनों ने किया। मौके पर झारखण्ड में अल्पसंख्यकों के हालात एवं राज्य सरकार विषय पर हुई परिचर्चा में अनिल अंशुमन ने कहा कि  देश में अल्पसंख्यकों पर निंतर हमले बढ़ते जा रहे हैं। केंद्र की सरकार खामोश है। वहीँ, झारखण्ड में गैर भाजपा सरकार मॉब लिंचिंग रोकने का कानून नहीं बना रही है। दोषियों को सज़ा और पीड़ितों को इन्साफ दिलाने के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसलिए सरकार पर दबाव डालना होगा। राष्ट्रीय इसाई संघ के अध्यक्ष प्रभाकर तिर्की ने अल्पसंख्यक समुदायों को संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता और सरकार से संवाद करने कि आवश्यकता बतायी। सामाजिक नेता प्रो. हरबिंदर सिंह ने अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए किसी भी गलत राजनीति और सरकार के खिलाफ खुलकर बोलने पर जोर दिया।

 

 

व्यापक एकजुटता का आह्वान किया

अंजुमन इस्लामिया के सदर इबरार अहमद ने देश व समाज में बढ़ते अल्पसंख्यक विरोधी फासीवादी हमलों के खिलाफ व्यापक एकजुटता का आह्वान किया। इन्साफ मंच व लहू बोलेगा के नदीम खान ने कहा कि जिन उम्मीदों से झारखण्ड के अल्पसंख्यकों ने प्रदेश में गैर भाजपा सरकार बनायी, वो अब टूट रही है। फादर महेंद्र पीटर तिग्गा ने कहा कि हमें आपसी संवाद, समझदारी और एकता को मजबूत बनाना होगा। सञ्चालन करते हुए पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने झारखण्ड के अल्पसंख्यक समुदायों की एकजुटता को आवश्यक बाताया। बौद्ध समाज के प्रणव पासवान ने भी हेमंत सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों की उपेक्षा पर चिंता जताई। जैन समाज के अजय जैन ने समुदाय के चल रहे शिक्षण संस्थान व अस्पताल को नगर निगम द्वारा परेशान करने का मुद्दा उठाया। युवा एडवोकेट सुभाशीष सोरेन ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए धरमांतरण विरोधी कानून को संविधान विरोधी बताते हुए हेमंत सरकार से इसे निरस्त करने की मांग की।

संविधान की प्रस्तावना का हुआ सामूहिक पाठ 
विषय प्रवेश करते हुए युवा अधिवक्ता वसुंधरा जॉन टोप्पो ने संयुक्त राष्ट्र संघ व भारत के संविधान में निहित विश्व अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को रेखांकित किया। प्रो. फ्रांसिस्का तिग्गा, सिख संगठन के अजय मथारू, एडवोकेट इम्तियाज़ अशरफ, नौशाद, मोहम्मद बाबर एवं एडवोकेट कौशलेन्द्र ने भी संबोधित किया। स्वागत वक्तव्य  ज्योति सिंह मथारू ने दिया। परिचर्चा की शुरुआत विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अभिनंदन में केक काटकर  की गई। जबकि समापन भारत के संविधान प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से किया गया।