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Jharkhand Corona Update: कम होती मरीजों की संख्या से घटी बेड की मांग, 5,766 में से 3,322 बेड खाली

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखंड में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में कमी आई है। मरीजों की संख्या में आई कमी के साथ ही प्रदेश के हॉस्पिटलों में बेड के लिए होने वाली महामारी भी खत्म होने लगी है। स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा बताता है कि राज्य के तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटीलेटर बेड की मांग में कमी आई है। कई बेड तो खाली भी होने लगे हैं। 

सरकारी अस्पतालों में काफी बेड खाली हैं
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आकंड़ों के मुताबिक झारखंड में कोविड के इलाज के लिए समर्पित 5 हजार 766 बेड में से 3 हजार 322 बेड खाली हैं। इनमें से 2 हजार 742 ऑक्सिजन बेड, 433 आईसीयू बेड और 135 वेंटीलेटर बेड खाली हैं। रिम्स में भी मरीजों की संख्या कुल बेड के मुकाबले आधी से भी कम रह गयी है। रिम्स में कोविड मरीजों के इलाज के लिए समर्पित 1 हजार 9 बेड है जिमें से केवल 495 मरीज ही भर्ती हैं। 475 ऑक्सीजन और 35 आईसीयू बेड खाली हैं। 

सभी जिलों के हॉस्पिटल में खाली हो रहे बेड
रांची के सदर अस्पताल में 90 ऑक्सिजन बेड खाली हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड उपलब्ध है12 जिले वैसे हैं जहां ऑक्सीजन के साथ-साथ वेंटीलेंटर बेड भी खाली हैं। पूर्वी सिंहभूम में 11, हजारीबाग में 21, धनबाद में 11, पश्चिमी सिंहभूम में 2, दुमका में 16, जामताड़ा में 10, लोहरदगा में 5, साहिबगंज में 11, पाकुड़ में 12, गोड्ड़ा में 2, चतरा में 6, गिरिडीह में 9 और खूंटी में 11 वेंटीलेटर बेड खाली हैं। कुछ जिले वैसे हैं जहां वेंटीलेटर बेड की सुविधा नहीं है। 

रांची सहित जिलों के निजी हॉस्पिटल में बेड खाली
रांची के प्राइवेट हॉस्पिटल में भी बेड खाली है। पूरे राज्य में निजी अस्पतालों में 4 हजार 284 ऑक्सीजन बेड है। इनमें 1 हजार 744 बेड खाली हैं। 330 वेंटिलेटर में से 83 खाली हैं। 712 आईसीयू में 105 खाली है। इसकी वजह ये है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के जरिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से लोगों का एक दूसरे से कॉन्टेक्ट कम हुआ। संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है।