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शिव मंदिर प्रांगण में प्रस्तावित वेंडर मार्केट निर्माण का मामला गर्माया, विधायक सीपी सिंह ने जताई आपत्ति

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
पिस्का मोड़ स्थित शिव मंदिर प्रांगण में रांची नगर की ओर से प्रस्तावित वेंडर मार्केट के निर्माण पर पूर्व नगर विकास मंत्री सह स्थानीय विधायक सीपी सिंह ने आपत्ति जताई है। इस मामले को लेकर उन्होंने 14 मई को नगर आयुक्त मुकेश कुमार को पत्र लिखा है। साथ ही पत्र की प्रतिलिपि मेयर डॉ. आशा लकड़ा को भी दिया है। 

मेयर आशा लकड़ा ने दिया पत्र का जवाब
17 मई को मेयर ने पूर्व मंत्री को उनके पत्र का जवाब दे दिया है। मेयर ने पूर्व मंत्री को लिखे गए पत्र के माध्यम से कहा है कि पिस्का मोड स्थित शिव मंदिर प्रांगण में प्रस्तावित वेंडर मार्केट के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव न तो स्थाई समिति की बैठक में लाया गया और न ही निगम परिषद की बैठक में। अन्य माध्यमों से जानकारी मिलने व 28 अप्रैल को वेंडर मार्केट के निर्माण से संबंधित टेंडर नोटिस प्रकाशित किए जाने के बाद उन्होंने 04 मई को रांची नगर निगम के नगर आयुक्त व मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी थी। 

सीपी सिंह ने वेंडर मार्केट पर जताई आपत्ति
झारखंड नगरपालिका अधिनियम का हवाला देते हुए वेंडर मार्केट के निर्माण से संबंधित टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने का निर्देश भी दिया था परंतु नगर आयुक्त या मुख्य अभियंता ने अब तक न तो इस मामले की पूरी जानकारी दी और न ही टेंडर प्रकिया को रद्द किया। इससे पूर्व नगर आयुक्त को लिखे गए पत्र में विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि पिस्का मोड स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में रांची नगर निगम की ओर से वेंडर मार्केट बनाने की प्रकिया पूरी की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को शिव मंदिर की जमीन 1961 में रजिस्टर्ड डीड के द्वारा दान में मिला था, जिसका खाता संख्या-118, प्लॉट संख्या-731, 732, 733 व रकबा-62 डिसमिल है। ट्रस्ट के पास जमीन के म्युटेशन से संबंधित कागजात भी उपलब्ध हैं। ट्रस्ट की ओर से अब तक सरकार को रेंट व टैक्स का भुगतान भी किया गया है। 

विधायक ने हिंदू भावना से खिलवाड़ बताया
विधायक ने ने नगर आयुक्त को लिखे गए पत्र में यह भी कहा है कि मंदिर की जमीन पर वेंडर मार्केट बनाने की योजना हिंदुओं की भावना से खिलवाड़ व अपमानित करने वाला है।  यदि रांची नगर निगम वेंडरों के लिए इतनी चिंतित है तो रांची के विभिन्न इलाकों में कई सरकारी जमीन हैं, जो या तो खाली हैं या अतिक्रमित। रांची नगर निगम संबंधित सरकारी ज़मीनों का आकलन कर कि उपयुक्त स्थल पर वेंडर मार्केट का निर्माण करा सकता है। उन्होंने पत्र के माध्यम से यह भी कहा है कि शिव मंदिर प्रांगण की जमीन पूजनीय स्थल है और पूजनीय स्थल पर वेंडर मार्केट का निर्माण न सिर्फ श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना होगा बल्कि रांची नगर निगम को श्रद्धालुओं के भारी विरोध का भी सामना करना होगा, जिससे समाज में अशांति का माहौल उत्पन्न होगा।

मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक श्री सी.पी सिंह के पत्र का जवाब देते हुए निम्नांकित बिंदुओं पर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है :

15 वें वित्त आयोग के तहत रांची नगर निगम को आवंटित फंड का दुरुपयोग नगर विकास विभाग के सचिव रांची नगर निगम के कार्य क्षेत्र से बाहर की योजना को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं । इससे स्पष्ट है कि रांची नगर निगम को 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित फंड का दुरुपयोग कर राज्य सरकार अपना हित साध रही है ।

वर्तमान नगर आयुक्त मुकेश कुमार न तो झारखंड नगरपालिका अधिनियम को मानते हैं और न ही स्थाई समिति या निगम परिषद के अधिकार क्षेत्र को। उनके लिए नगर विकास विभाग के सचिव का निर्देश ही सबसे बड़ा कानून है। 

ज्ञात हो कि संविधान के अनुच्छेद-243 के तहत गठित रांची नगर निगम एक स्वायत्तशासी संस्थान है।

आप पूर्व में नगर विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं। आप भी यह जानते हैं कि  स्थायी समिति व निगम परिषद् (बोर्ड ) की बैठक में शहर के विकास से संबंधित योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की जाती है।

झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत किसी भी योजना पर किए जाने वाले खर्च या भुगतान से पूर्व स्थायी समिति व परिषद् की स्वीकृति लेना अनिवार्य है।
 
झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 की धारा-15 के तहत चार विधायक, रांची लोकसभा क्षेत्र के सांसद, दो राज्यसभा सदस्य व रांची नगर निगम क्षेत्र के चुने हुए सभी जनप्रतिनिधि निगम परिषद् के सदस्य हैं। ऐसे में सभी माननीयों के अधिकार का हनन किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।