द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड विधानसभा के नए भवन में नमाज कक्ष के आवंटन पर पुनर्विचार के लिए सात सदस्यीय कमिटी बनी। समिति में स्टीफन मरांडी, प्रदीप यादव, नीलकंठ मुंडा, विनोद सिंह, लंबोदर महतो, सरफराज अहमद और दीपिका पांडेय को सदस्य बनाया गया। यह समिति 45 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। स्पीकर ने समिति की घोषणा की। गौरतलब है कि गांडेय से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने इसका प्रस्ताव रखा था। स्पीकर ने सहमति जताई थी।
बीजेपी लगातार कर रही थी इसका विरोध
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक नमाज के लिए कमरा आवंटन के फैसले और बुधवार को बीजेपी नेताओं पर हुई लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर विधानसभा परिसर में धरने पर भी बैठे। सदन के अंदर पर इस मुद्दे पर शोरगुल होता रहा। इस शोरगुल के बीच गांडेय विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुस्लिम विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने सदन में एक प्रस्ताव रखा और कमरा आवंटन के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी। स्पीकर ने इस पर सहमति व्यक्त की थी।
डॉ. सरफराज अहमद ने रखा था प्रस्ताव
सदन में गांडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने एक प्रस्ताव रखा था। उन्होंने स्पीकर से मांग की थी कि नमाज के लिए कमरा आवंटन के फैसले पर पुनर्विचार के लिए एक समिति का गठन किया जाए। ये कमिटी रिपोर्ट देगी कि नमाज के लिए कमरा आवंटन का फैसला सही या या नहीं। डॉ. सरफराज अहमद ने कहा था कि सदन के बाहर और भीतर लगातार शोरगुल हो रहा है। सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। इससे बेहतर है कि कमिटी का गठन कर फैसले पर पुनर्विचार किया जाये। डॉ. सरफराज अहमद के इस प्रस्ताव पर मांडर विधायक बंधु तिर्की ने भी सहमति जताई थी और इसका समर्थन किया। डॉ. सरफराज अहमद ने बीजेपी पर निशाना भी साधा।
स्पीकर ने प्रस्ताव पर सहमति जताई थी
स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने भी गांडेय विधायक की मांग पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि यदि पूरा सदन इस बात पर सहमत होगा तो दूसरी पाली में मैं एक कमिटी का गठन करने का फैसला लूंगा। रविंद्रनाथ महतो ने कहा कि ये कमिटी 45 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।