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कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत मिला महावीर चक्र, गलवान वैली संघर्ष में दिया था सर्वोच्च बलिदान

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में देश की रक्षा में प्राणों का बलिदान करने वाले शहीद कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया। कर्नल संतोष बाबू की पत्नी और मां ने दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों ये अवॉर्ड ग्रहण किया। गौरतलब है कि महावीर चक्र हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। 

कर्नल संतोष बाबू कर रहे थे टुकड़ी का नेतृत्व
गौरतलब है कि 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में कर्नल संतोष भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। इस बीच चीनी सैनिकों ने वहां विवादित इलाके में टेंट लगा दिये। भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया और वहां से टेंट हटाने को कहा। इसी दरम्यान भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। चीनी सैनिक, भारतीय सीमाक्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया। गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक समझौते के मुताबिक सैनिकों को हथियार का इस्तेमाल करने की मनाही है, लेकिन चीनी सैनिकों ने बाड़ लगाने के काम में आने वाली नुकीली हथियारों का इस्तेमाल किया। 

 

कर्नल संतोष बाबू ने देश के लिए दिया बलिदान
कर्नल संतोष बाबू की टुकड़ी ने चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। हालांकि, इस कोशिश में कर्नल संतोष बाबू सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए वहीं कइयों को गंभीर चोटें आईं। चीनी पक्ष को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। गौरतलब है कि चीनी सैनिकों को विवादित क्षेत्र में घुसने से रोकने के लिए कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय जवान ऑपरेशन स्नो लेपर्ड चला रहे थे। इसी दौरान हिंसक झड़प हुई। 

गलवान वैली हिंसा के बाद सीमा पर सजग है भारत
गलवान वैली हिंसा के बाद भारत ने चीन के कई मोबाइल एप्स को बैन कर दिया। इस बीच कमांडर से लेकर ब्रिगेडियर स्तर की कई दौर की वार्ता हुई। भारत के रक्षा और विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्षों से बातचीत की और यथास्थिति बहाल करने पर सहमति जताई। बावजूद इसके चीन की तरफ से यदा-कदा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उकसावे वाली हरकत की जाती है। इसको देखते हुए भारत वहां अपना सैन्य आधारभूत ढांचा मजबूत कर रहा है।