द फॉलोअप टीम, हजारीबाग:
अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार की खबरें आपने कई बार देखी और पढ़ी होंगी। आप में से कई लोग इसके शिकार भी हुए होंगे। लेकिन जब कोई व्यक्ति इतना परेशान हो जाये कि वे खुद अपनी जिन्दगी समाप्त करने का फैसला कर ले तो इसे क्या कहेंगे। हजारीबाग जिले चौपारण पंचायत बेला के ग्राम रुपीन निवासी और समाजसेवी अख्तर हुसैन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 18 जून को आत्मदाह करने का ऐलान किया है। अखतर हुसैन ने लिखा है कि अंचल कार्यालय के पदाधिकारियों द्वारा उनसे 10 लाख रुपये ठग लिए। इसमें सीओ, सीआई और नाजिर भी शामिल हैं।
जमीन के उसी टुकडे पर करेंगे आत्मदाह
अख्तर हुसैन ने यह तक कहा है कि 24 मार्च 2021 को शाम 7:00 बजे पैसा लिया गया है जिसके सबूत उपलब्ध हैं। पांच लोगों के नाम से जमाबंदी रद्द करने के नाम पर इतनी बड़ी रकम ली गई थी। पैसा लेने के बाद जमाबंदी को रद्द तो कर दिया गया परंतु सीओ किसी के दबाव में आकर मेरा काम नहीं किया। जिसे क्षुब्ध होकर हुसैन ने 18 जून को विवादित भूमि खाता नम्बर 20, प्लॉट नम्बर 51 पर आत्मदाह करने का फैसला लिया है। इसकी सूचना प्रतिलिपि के माध्यम से हजारीबाग डीसी, बरही एसडीओ, डीएसपी, चौपारण सीओ, थाना प्रभारी को दे दी गई है।
क्या कहते हैं सीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ गौरी शंकर प्रसाद ने कहा कि इसका मामला अपर समाहर्ता कार्यालय हजारीबाग में लंबित है। वहां के आदेशानुसार दोनों पक्ष को नोटिस देकर विवादित जमीन पर काम करने से रोका गया है। साथ ही सीआई अजय कुमार सिंह को विवादित भूमि का जांच कर प्रतिवेदन देने के लिए आदेश दिया गया है लेकिन सीआई द्वारा अभी तक जांच प्रतिवेदन नहीं सुपुर्द किया गया है। 10 लाख रुपये ठगने के बारे में कहा कि अख्तर हुसैन द्वारा लगाया गया आरोप मनगढ़ंत और बिल्कुल निराधार है। सीओ प्रसाद ने यह भी कहा कि किसी को आत्महत्या करना संज्ञेय अपराध है। हुसैन द्वारा दी गई आत्मदाह की चेतावनी पर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। इस संबंध में प्रशासन अपना काम करेगी।