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वायरल वीडियो में बच्चों को गोबर में फेंकते दिखे लोग, आस्था के नाम पर ये कितना सही! 

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द फॉलोअफ टीम, भोपाल: 

आस्था के नाम पर लोग ना जाने कैसी-कैसी हरकतें कर जाते है।  एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। देखा जा सकता है कि बच्चों को गोबर में फेंका जा रहा हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे स्वस्थ रहते है। गोबर के बीच रोते-बिलखते बच्चों को देख किसी को भी दया आ जाए लेकिन बच्चों के मां बाप को ही उन पर दया नहीं आती।

सोशल मीडिया में लोगों ने की आलोचना
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि आस्था के नाम पर बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार क्या सही है? क्या बच्चों को गोबर में फेंकने से वे स्वस्थ्य हो सकते है? लोग अलग-अलग तरीके से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों का कहना कि आस्था और अंधविश्वास के चक्कर में बच्चों की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है। 

मध्य प्रदेश के बैतूल की घटना
मध्य प्रदेश के बैतूल में कई वर्षों से यह परंपरा अपनाई जा रही है। यंहा गोबर्धन पूजा के दौरान बच्चों को गोबर में फेंकने कि परम्परा है। मान्यता है कि गोबर में डालने से बच्चे साल भर तंदरुस्त रहते है। लोगों का कहना है कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठा कर ग्वालों की रक्षा की थी। मान्यता बन गई कि गोवर्धन उनकी रक्षा करते है। इसी को लेकर बच्चों को गोबर में डाला जाता है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आस्था है जबकि डॉक्टर इसे खतरनाक करार दे रहे हैं। 

चिकित्सकों का क्या कहना है
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नितिन देशमुख कहते है कि यह खतरनाक है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। यह संक्रमण का भी एक कारण हो सकता है।  

बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव
गोवर्धन पूजा के दिन ग्वाल समाज के लोग गोबर एकत्रित करते है और उससे बड़े आकार में गोवर्धन बनाये जाते है। गोबर्धन पूजा के दिन पुरुष महिलाएं विधिविधान से पूजा करते है। उसके बाद फिर बच्चों को गोबर से बने गोवर्धन में डाला जाता है। ये सब गांव में नहीं बल्कि शहर में हो रहा है। ऐसा भी नहीं कि अनपढ़ लोग करते है बल्कि शिक्षित लोग भी इस पर भरोसा करते है। डॉक्टर इसे खतरनाक मानते है इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ने की बात कह रहे हैं।