द फॉलोअप टीम, रांची:
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जेएमएम की सरकार में दलितों की जमीन छीनी जा रही है। जामताड़ा, साहिबगंज और पश्चिम सिंहभूम जिले में दलित परिवारों के साथ हुए अन्याय को लेकर बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार राज्यपाल से मिलेगा और उनसे पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग करेगा। बाउरी से उद्हारण के तौर पर तीन केस प्रेस वार्ता में सामने रखा। उन्होंने कहा कि मोर्चा को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का निर्देशन प्राप्त है और उनके नेतृत्व में यह लड़ाई लड़ी जाएगी। जब तक दलितों को न्याय नही मिलेगा तब तक सड़क से सदन तक लड़ाई जारी रहेगी। जरूरत पड़ी तो दिल्ली में भी ऐसी घटना के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक, एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रभात भुइँया, उपाध्यक्ष विमल बैठा एव महामंत्री रंजन पासवान उपस्थित थे।
केस -1
बीजेपी एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि जामताड़ा के चिरूडीह में एक दलित परिवार की जमीन को वहां के लोगों ने हड़प लिया और उन्हें मारपीट कर भगा दिया। पुलिस ने थाने में केस दर्ज नहीं किया। दलित परिवार 15 दिन तक खुले आसमान के नीचे संघर्ष करता रहा। राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग को भी शिकायत किया। आयोग के अध्यक्ष ने आकर जांच किया। उसी समय आयोग के आने की सूचना मिलने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और 24 घंटे में न्याय देने की बात कही, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी वह परिवार रैन बसेरा में ही रह रहा है। कुछ दिन पहले तक प्रशासन उनके खाने-पीने की व्यवस्था कर रहा था, लेकिन अब खाने-पीने की व्यवस्था भी बंद कर दी गई है। वहीं मामले का एक भी आरोपी अब तक पकड़ा नहीं गया। जो लोग मामले को लेकर संघर्ष कर रहे थे उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने का प्रशासन मन बना रहा है।
केस-2
अमर बाउरी ने कहा कि साहिबगंज के दिनेश पासवान की जमीन को भी हड़पा गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर उनकी जमीन हड़पने का आरोप है। साहिबगंज एसडीओ कोर्ट के पास दिनेश पासवान की जमीन है। जमीन की रसीद दिनेश पासवान के नाम से ही कटती है, लेकिन उनकी जमीन को हड़पने के लिए उनके परिवार को गलत केस में जेल में डाल दिया गया। बाउरी ने कहा कि जेएमएम की सरकार में दलितों का अधिकार और उनकी जमीन छीन लेने का काम हो रहा है। साहिबगंज के इस परिवार पर खतरा मंडरा रहा है।
के-3
उन्होंने चाईबासा के हथनादौड़ा गांव के घासी परिवार पर हुए अत्याचार का भी मामला उठाया। बावरी ने कहा कि घासी परिवार के लोग से वहां के कुछ विशेष समुदाय के लोग सफाई का काम करवाते हैं, नहीं जाने पर उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा जाता है। पीड़ित परिवार थाने में जाकर एसटी-एससी एक्ट के तहत आरोपियों पर मामला दर्ज कराना चाहता है, लेकिन साधारण एफआईआर दर्ज होता है। केस दर्ज होने के बाद डीएसपी स्तर के पदाधिकारी पीड़ितों के घर जाकर उन्हें डराते धमकाते हैं और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करते हैं।