द फॉलोअप टीम, रांची:
रांची में केंद्रीय धुमकुड़िया भवन के शिलापट अनावरण अवसर पर कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आदिवासियों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को धुमकुड़िया भवन दर्शाता है। धुमकुड़िया के निर्माण से सचमुच आदिवासियों की परंपरा, संस्कृति उनकी पहचान पुरखों के बताए रास्ते में आगे बढ़ने और उनके बौद्धिक रूप से विकसित करने में कारगर सिद्ध होगी। उरांव, हो, मुंडा, खड़िया, संथाल आदि अन्य जनजातियों का रिसर्च सेंटर होगा। बंधु ने कहा कि इस सरकार में आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग सरना कोड को सदन से पास करा कर इनके नेतृत्व में केंद्र को भेजा गया। आदिवासियों के प्रमुख आराध्य स्थल सिरा सीता नाले, गुमला को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। हाल के दिनों में टीएसी का भी गठन कर लिया गया है।
धुमकुडिया भवन में होगा ये सब
केंद्रीय धुमकुड़िया ट्राईबल डेवलपमेंट सेंटर का यह धूमकुडिया भवन कुल 2.22 डिसमिल भू-भाग पर बनेगा। इसमें एजुकेशन इंस्टीट्यूट, लाइब्रेरी, जनजातीय भाषा लर्निंग सेंटर, कोचिंग क्लास जिसमें यूपीएससी, जेपीएससी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, रेलवे, बैंक, एसएससी आदि प्रतियोगी परीक्षाओं का कोचिंग दिया जाएगा साथ हीं वोकेशनल सेंटर, डांस एंड क्राफ्ट, योगा एवं अन्य एक्स्ट्रा करिकुलम शामिल होंगे। तिर्की ने कहा किइसमें उरांव, मुंडा,खड़िया, हो,संथाल एवं अन्य जनजातियों का अलग-अलग निदेशालय होगा। जिसमें उनका रीति- रिवाज एवं उनके उत्थान, विकास एवं संरक्षण के लिए समय-समय पर टीएसी/ टीआरआई को सुझाव देगा जिसका संचालन आदिवासी ही करेंगे।
शॉपिंग कॉम्पलेक्स के साथ जतरा मैदान भी
एक ही छत के नीचे अर्बन हाट, फूड काउंटर, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, मैरिज हॉल, सेमिनार हॉल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, की निर्माण की योजना है। जिसमें देशभर के आदिवासी यहां आकर कम लागत में ठहर सकते हैं। 20,000 वर्ग फीट स्थान को खाली छोड़ा जाएगा। जिसमें सोशल गैदरिंग जतरा एवं अन्य आदिवासी आयोजन किया जा सकेगा।
इस धुमकुड़िया भवन में एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, बैंक्वेट हॉल, वर्कशॉप एवं आधुनिक जिम की भी सुविधा होगी इस योजना के तहत 10 से 15 करोड़ सालाना रेवेन्यू जेनरेट करने की योजना है जिस का संचालन खुद आदिवासी समाज करेंगे। कियॉस्क हाट में जनजातीय समुदाय से संबंधित सभी चीजें उपलब्ध होंगी।