द फॉलोअप डेस्क
आनेवाले कुछ महीनों में देश में फिर वन नेशन-वन इलेक्शन का मुद्दा गरमाने की पूरी संभावना है। भाजपा की केंद्रीय कमेटी ने राज्यों को अगले दो महीनों में इस अभियान को बूम करने का निर्देश दिया गया है। झारखंड में पहले से ही ग्राउंड जीरो से काम कर रही इसके लिए बनी कमेटी ने अब और तेजी लाने का फैसला किया है। मालूम हो कि पूर्व मंत्री भानू प्रताप शाही इसके लिए झारखंड में बनी कमेटी के संयोजक और रांची के पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सह संयोजक हैं। इसके अलावा कमेटी में रिटायर आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद, प्रदीप सिन्हा, शशांक समेत कई अन्य नेताओं को रखा गया है।
अब तक 25 से अधिक बड़ी बैठकें और 50 से अधिक संस्थाओं ने राष्ट्रपति को भेजा प्रस्ताव
वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए बनी कमेटी की अब तक झारखंड में 25 से अधिक बड़ी बैठकें हो चुकी है। विभिन्न कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, बड़े संस्थाओं में हुई इन बैठकों में प्रबुद्ध युवाओं और आम लोगों को वन नेशन-वन इलेक्शन के कंसेप्ट को तरीके से समझाया और बुझाया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि इसका क्या लाभ होने वाला है। देश के आर्थिक सुधार के क्षेत्र में इसका कितना बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। जानकारी के अनुसार कमेटी के संरक्षण में हुई बैठकों के बाद लगभग 50 से अधिक संस्थाओं ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को वन नेशन-वन इलेक्शन कराने का प्रस्ताव भी भेजा है। कुल मिला कर आम लोगों में वन नेशन-वन इलेक्शन के प्रति समर्थन प्राप्त करना है।
प्रदेश कमेटी को क्या मिल रहा है केंद्र से हिंट
वन नेशन-वन इलेक्शन की दिशा में शुरू किए गए इस अभियान के क्रम में राज्यों में बनायी गयी कमेटी को केंद्रीय नेताओं से साफ साफ संकेत दिए जा रहे हैं। उसमें यह हिंट किया जा रहा है कि केंद्र सरकार अब जल्द ही देश में एक साथ चुनाव कराने की दिशा में कानून बनाने की दिशा आगे बढ़ेगी। उससे पहले देश के जनमानस को इसके लिए तैयार कर लेना भाजपा की पहली कोशिश है। यह भी संकेत किया जा रहा है कि 75 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद संभव है नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया लागू कराने की कोशिश करें। 2029 से पहले खुद कार्यकाल पूरा किए बगैर मोदी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर चुनाव में चलने को तैयार होंगे, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर विरोधी दलों के विरोध का स्वर कमजोर होगा। हालांकि वन इलेक्शन में जाने से पूर्व देश में कॉमन सिविल कोड और महिला आरक्षण को भी मूर्त रूप देने की योजना है।
क्या कहते हैं प्रदेश के संयोजक भानू प्रताप शाही व सह संयोजक संजीव विजयवर्गीय
वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए राज्य में बनी कमेटी के संयोजक पूर्व मंत्री भानू प्रताप शाही का कहना है कि एक राष्ट्र-एक चुनाव से देश का ही भला होनेवाला है। संसाधन के साथ साथ देश के लोगों का समय बचेगा। अधिकारी से लेकर नेताओं और कार्यकर्ताओं का समय जाया नहीं होगा। देश के जीडीपी में 1.5 फीसदी की बढोत्तरी होगी। सह संयोजक संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि यह देश की भलाई की योजना है। इसका अप्रत्याशित लाभ देश व देश की जनता को मिलेगा।