द फॉलोअप टीम, रांची
रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा पंडाल को प्रशासन द्वारा काले कपड़ों से ढंकने का मामला अब राजनीतिक मोड़ लेने लगा है। इसपर राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने इस घटना की तीव्र निंदा भी की। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन तो सामाजिक समरसता की बात करते थे। लेकिन मुझे यह बताते हुए काफी दुख हो रहा कि झामुमो सरकार द्वारा लिए गए अधिकतर निर्णय बहुसंख्यक समाज की आस्था के अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। दुर्गा पूजा सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं, बल्कि सभी धर्म के लोगों के शक्ति और स्वास्थ्य वर्धन हेतु आस्था और विश्वास का प्रतीक है।
पूजा आयोजक को शो कॉज जारी
सदर एसडीओ समीरा एस ने गुरुवार को शहर के कई पूजा पंडालों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने रांची रेलवे स्टेशन के पूजा पंडालों में बनी कलाकृति को ढंकने का निर्देश दिया। एसडीओ ने पंडाल के प्रवेश और निकास द्वार पर भी आपत्ति की। उन्होंने कहा कि जब पब्लिक पार्टिशिपेशन की अनुमति नहीं है तो क्यों द्वार बनाया गया। इस पर पूजा समिति कोई जवाब देते इससे पहले ही एसडीओ ने दो टूक शब्दों में कहा कि यहां प्रवेश द्वार को बंद करें, ताकि श्रद्धालु पंडाल में नहीं आ सके। इस पर आयोजकों ने पंडाल के मुख्य द्वार और कलाकृतियों को काले कपड़े से ढंक दिया। एसडीओ ने रांची रेलवे स्टेशन, कोकर व नामकुम पूजा पंडाल के आयोजक को शो कॉज नोटिस भी जारी किया।
आयोजकों की परेशानी बढ़ी
पूजा पंडालों के पट खुलते ही मां का दर्शन करने के लिए पंडालों में श्रद्धालु पहुंचने लगे। इससे पूजा आयोजक काफी परेशान रहे। रेलवे स्टेशन, हरमू रोड सहित अन्य पूजा समिति के आयोजक श्रद्धालुओं से पंडाल के अंदर नहीं जाने की विवशता के लिए माफी मांगते दिखे। क्योंकि आयोजकों को प्रशासन की कार्रवाई का डर है।
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पूजा पंडाल दर्शनार्थियों के लिए नहीं
आपदा प्रबंधन विभाग ने गुरुवार रात को पूजा पंडाल में एक समय में 15 लोगों के रहने की छूट दे दी है, लेकिन ये 15 लोग सिर्फ पूजा समिति के ही होंगे। दर्शनार्थियों को किसी भी पूजा पंडाल में जाने की छूट नहीं मिली है। डीसी छवि रंजन ने विभाग के आदेश पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पूर्व में सात व्यक्तियों को ही पूजा में शामिल होने का आदेश दिया गया था। उसे बढ़ाकर 15 किया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि एक बार में पूजा पंडाल में 15 श्रद्धालु भ्रमण कर सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि जारी किया गया आदेश केवल पूजा समितियों के लिए है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए कुछ नहीं है।