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रांची: किराया तय होने के बाद भी ऑटो चालक करते हैं मनमानी वसूली, महंगाई से हलकान हैं यात्री

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द फॉलोअप टीम, रांची:

रांची में ऑटो चालकों और पैसेंजर को देखते हुए सरकार ने सभी रुट में पैसेंजर के लिए भाड़ा भाड़ा तय कर दिया था। भाड़ा तय होने के बावजूद आज भी ऑटो चालक मनमाने ढंग से भाड़ा ले रहे हैं। सरकार से मिली अनुमति के बाद से ही रांची के सड़को में ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा और मैनुअल रिक्शा दौड़ने लगा है। सरकार ने भले ही राज्य में ऑटो, ई-रिक्शा और मैन्युअल रिक्शा चलाने की अनुमति एक महीना पहले ही दे दी लेकिन, कई बिंदुओं पर संशय की स्थिति बनी रही।

 

संचालन की अनुमति पर भाड़ा तय नहीं
ऑटो चलाने की अनुमति तो मिल गई लेकिन ऑटो के भाड़ा का निर्धारण नहीं किया गया था क्योंकि राज्य सरकार ने क्षमता से कम पैसेंजर को ऑटो और ई रिक्शा में बैठाने का निर्देश दिया है। ऐसे में ऑटो वाले मनमाने ढंग से भाड़ा लेने लगे। ऊपर से डीजल का भी दाम बढ़ा है ऐसे में ऑटो वालो को अधिक भाड़ा मांगने का मौका मिल गया।  

 

आज भी लेते है मनमानी ढंग से भाड़ा 
राज्य की राजधानी होने के बावजूद भी यहां नियमों का पालन नहीं किया जाता है। दूसरे जगह से आए व्यक्ति से ऑटो चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूला जा रहा है। अधिकांश ऑटो चालकों ने अपने ऑटो में भाड़ा तालिका नहीं लगया है जबकि तालिका लगाना अनिवार्य किया गया था। कहीं जाने का भाड़ा 15 है तो चालक द्वारा 20 लिया जाता है। 30 की जगह पर 40 लिया जाता है। पूछने पर डीजल का रेट बताने लगते है जबकि अब अधिकांश ऑटो सीएनजी पर चलते हैं। ऑटो चालकों की आपसी मिलीभगत भी मनमाना किराया वसूले जाने का एक तरीका है। 

 

रांची में तय किया गया था ऑटो का किराया
दरअसल राजधानी में चल रहे ऑटो के भाड़ा में वृद्धि से यात्री परेशान थे। इसे देखते हुए यात्रियों ने झारखंड यात्री संघ के माध्यम से आवाज उठाई थी। संघ ने परिवहन सचिव व परिवहन आयुक्त से ऑटो भाड़ा निर्धारण की बात कही थी़। उसी मद्देनजर बैठक कर ऑटो भाड़ा के निर्धारण का फैसला लिया गया। बैठक में आरटीए सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि सभी चालकों को अपने ऑटो में भाड़ा तालिका लगाना अनिवार्य होगा, ताकि किसी यात्री व ऑटो चालक में विवाद न हो़।  साथ दी ऑटो भाड़ा का लिस्ट भी दिया। चालकों से सूची के मुताबिक ही भाड़ा लेने को कहा गया है।