रांची
दुर्गा पूजा जैसे पर्व पर भी सहायक अध्यापक मानदेय से वंचित हैं। इस कारण उनमें रोष है। कहा है कि दशहरा पर्व पर जहां सारे विभाग अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहन रूपी बोनस देते हैं, वहीं सहायक अध्यापक मानदेय से भी वंचित हैं। इस महंगाई मे अल्प मानदेय मे घर चलना मुश्किल है। वहीं दुर्गा पूजा जैसे बड़े पर्व में मानदेय न मिलने से पारा शिक्षकों मे घोर निराशा है। शिक्षकों ने मानदेय भुगतान की मांग की है।
शिक्षकों ने कहा, सरकार मंईया सम्मान योजना के तहत एक ओर महिलाओं को सशक्त कर रही है, वहीं नौनिहालों का भविष्य सुधार रहे शिक्षकों को पर्व में भी मानदेय देना उचित नहीं समझती है। यह सरकार की नाकामी है। कहा कि जो हेमंत सोरेन चुनाव से पूर्व अपने प्रत्येक जनसभा में पारा शिक्षकों का नाम लेना नहीं भूलती थी, उसी सरकार ने एक बार भी पारा शिक्षकों से मिलना मुनासिब नहीं समझा। इसका खमियाजा आगामी चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ेगा। ये बातें "झारखंड राज्य आकलन सफल सह प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ" के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत तिवारी ने कही।