द फॉलोअप टीम, साहिबगंज:
अकबर के मुगल काल में संथाल का इलाका जलमार्ग से जुड़ा था। तब वर्तमान बांग्लादेश से मयंमार तक भारत का कारोबार होता था। अच्छी् खबर यह है कि अब फिर से जलमार्ग की शुरुआत होने जा रही है। भारत और बांग्लादेश के बीच जलमार्ग से व्यापार के नए दौर का आगाज होने जा रहा है। बांग्लादेश से भारत के झारखंड, बिहार और उत्तकरपदेश अब सीधे जुड़ जाएगा। बांग्लादेश की 9 सदस्यीय टीम ने शनिवार को समदा स्थित मल्टी मॉडल बंदरगाह का दौरा किया। जायजे के दौरान सदस्यों ने भारत के संबंधित अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श भी किया।
भारत-बांग्लादेश जलमार्गीय व्यापार जल्द
बांग्लादेश की टीम ने बताया कि अभी हल्दिया से अन्य सामान के अलावा विभिन्न थर्मल पावर यूनिट का 70 फीसदी फ्लाई ऐस जल मार्ग से बांग्लादेश भेजा जाता है। वहां उसका उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट बनाने में होता है. फ्लाई ऐस सहित अन्य सामान लेकर हल्दिया बंदरगाह से रोजाना औसतन 20 से 25 कार्गो मालवाहक जहाज रवाना किये जाते हैं, जिसमें 98 फीसदी जहाज बांग्लादेशी और महज 2 फीसदी जहाज भारतीय हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच आयात-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश ने कोलकाता में अपना निदेशालय खोला है।
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इन सामानों का होगा आयात और निर्यात
भविष्य में साहिबगंज पोर्ट से जलमार्ग होते हुए स्टोन चिप्स फूड, ग्रेन समेत अन्य सामान बांग्लादेश ले जाने की योजना है. इस कड़ी में बांग्लादेश का सीधा संबंध झारखंड, बिहार और यूपी से होने से दोनों देशों के व्यापार को फायदा होगा. टीम में मोनेमूल, मोहम्मद सलीम हसन, मोहम्मद रफीक उल शमीमा, यासमीन, जाकिर बिन आजाद और इंजीनियर मोहम्मद शहजाद उर्फ रहमान आदि शामिल थे. बांग्लादेशी शिपिंग कंपनी के प्रतिनिधि भी आए हुए थे।