logo

भारत में पहली बार आया एफबीजी सेंसर, अब कोयला खदानों में श्रमिकों को मिलेगी जान की सुरक्षा

4415news.jpg
द फॉलोअप टीम, धनबाद 
अक्सर कोयला खदान में गैस रिसाव होता है जिससे कामगारों की जान चली जाती है।धनबाद कोयला खदानों में गैस रिसाव की घटनाएं होती है जिससे वहां काम करने वाले कर्मियों की जान को खतरा बना रहता है। कोयले के अलावा अन्य खदानों में भी जहरीली गैस का रिसाव होता है। लेकिन अब इस समस्या से निजात मिल जाएगी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी धनबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंजीनियरिंग सेक्टर के प्रो. संजीव कुमार रघुवंशी और उनकी टीम ने देशी तकनीक से एफबीजी सेंसर तैयार किया है। एफबीजी सेंसर से खतरनाक गैस की मौजूदगी का पता चल जायेगा। जैसे ही जहरीली गैस रिसाव खदान में होगा तुरंत ही सेंसर से सूचना मिल जाएगी। इससे श्रमिकों की जान की सुरक्षा मिलेगी।  हाल में दामागोडिय़ा व रामनगर कोयला खदान में इस सेंसर का सफल परीक्षण भी कर लिया गया है। आस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका की खदानों में ऐसी तकनीक आ गई है, पर भारत में पहली बार खदान में इसका परीक्षण हुआ है। कोयले के अलावा अन्य  खदानों में भी जहरीली गैस का रिसाव होता है। इस तकनीक से उसका पता चल जाएगा। 

ये भी पढ़ें.....

कैसे काम करेगा एफबीजी सेंसर
प्रो.रघुवंशी ने ने इस सेंसर की जानकारी देते हुए बताया कि एफबीजी तकनीक के प्रयोग से ऑप्टिकल फाइबर बनता है। खदान के अंदर इस सेंसर को बिछाया जाता है।सेंसर को निश्चित स्थान पर लगाना होता है। इसे एक मशीन इंट्रोगेटर से जोड़ा जाता है। जब खदान में कोई जहरीली गैस निकलती है तो उसके अणुओं को घनत्व के आधार पर सेंसर पहचान लेता है। इंट्रोगेटर इसकी  सूचना देता है। इस सिस्टम में अलार्म भी लगाया जा सकता है। जहरीली गैस निकलने पर इंट्रोगेटर से दिए संदेश पर अलार्म बजने लगेगा।इस अलार्म से कामगार सचेत हो जायेंगे और खदान से कहीं सुरक्षित जगह पर चले जायेंगे। खदान में मौजूद खतरनाक रसायन की भी सेंसर जानकारी मिल सकती है।