logo

अब राज्य में मनचाहे दाम में नहीं बेची जा सकेंगी दवाइयां

3402news.jpg
द फॉलोअप टीम : 
झारखंड में एक और राहत की पहल हुई है। कंपनियां अब राज्य में मनमानी कीमतों पर दवा की बिक्री नहीं कर सकेंगी। दवाओं की कीमतों पर अब नियंत्रण रखे जाने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य में पीएमआरयू (प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट) का गठन हुआ है। अगर कंपनी ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) से अधिक कीमत पर दवा बेचती है, तो उसे नियंत्रित किया जायेगा। इससे संबंधित प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा गया था। राज्य में औषधि नियंत्रण निदेशालय के अधीन कंज्यूमर अवेयरनेस पब्लिसिटी एंड प्राइस मॉनिटरिंग' के तहत नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइस अथॉरिटी द्वारा पीएमआरयू का गठन किया जाना था। भारत सरकार ने झारखंड सहित छह राज्यों में पीएमआरयू के गठन की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही पीएमआरयू को कार्य करना होगा।

क्या है पीएमआरयू ?
पीएमआरयू अधिसूचित कीमत पर निगरानी रखेगी। यूनिट यह देखेगी कि डीपीसीओ का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। साथ ही जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। यह भी देखेगी कि फार्मूलेशन के आधार पर दवाओं की कीमत कंपनियां एक वर्ष में 10 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ा सकती। जांच के लिए पीएमआरयू दवाओं का सैंपल ले सकती है। उपभोक्ताओं में जागरूकता लाने के लिए समय-समय पर सेमिनार और कार्यशाला का आयोजन कर सकती है।

ये भी पढ़ें.......

ऐसा होगा पीएमआरयू का प्रशासनिक ढांचा
पीएमआरयू में एक प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, दो फील्ड इन्वेस्टिगेटर व दो ऑफिस असिस्टेंट होंगे। यह यूनिट राज्य औषधि नियंत्रक के अधीन काम करेगी। भारत सरकार पीएमआरयू को एकमुश्त पांच लाख रुपये का अनुदान देगी। इसके बाद 49 लाख रुपये प्रतिवर्ष नियमित खर्च के रूप में दिये जायेंगे। पीएमआरयू का सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत निबंधन होगा।