द फाॅलोअप टीम, जमशेदपुर
कान्वाई चालकों के नेतृत्वकर्ता ज्ञान सागर सोमवार को रांची जाकर मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौपा। इसमें मुख्यमंत्री से कान्वाई चालकों को न्यूनतम मजदूरी व बोनस दिलाने की मांग की।
किसे कहते हैं कान्वाई ड्राइवर
ज्ञान सागर ने बताया कि टाटा स्टील से निकलने वाली नई गाड़ियों को देश के विभिन्न शहरों तक पहुंचने वालों को कान्वाई ड्राइवर कहा जाता है लेकिन ट्रांसपोर्टर कंपनियां कान्वाई ड्राइवरों के साथ मनमाना रूख अपनाती है। उन्हें न तो न्यूनतम मजदूरी दी जाती है और न ही सालाना बोनस। मासिक वेतन का भुगतान भी बैंक द्वारा नहीं किया जाता है। सरकार द्वारा समय-समय पर न्यूनतम वेतन में जो बढ़ोतरी होती है उसका भी लाभ कान्वाई ड्राइवरों को नहीं दिया जाता है। चालकों के नाम से संचालित ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन को झारखंड सरकार ने वर्ष 2007 से प्रतिबंध लगा दिया है। फिर भी यह यूनियन कार्यरत है और इनके नेताओं द्वारा कान्वाई ड्राइवरों के साथ जमकर गुंडागर्दी की जाती है।
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संगठन का अरोप
ज्ञान सागर ने आरोप लगाया कि न्यूनतम मजदूरी के मामलें में उन्होंने अनगिनत बार पूर्वी सिंहभूम के जिला उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक सहित उप श्रमायुक्त को ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन कोई भी सरकारी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाए। ऐसे में मुख्यमंत्री से कान्वाई ड्राइवरों को न्यूनतम मजदूरी दिलाने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपने वालों में गुरमीत सिंह, दिनेश पांडेय, विवेक कुमार, भगवान सिंह शामिल थे।