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17 साल पहले खोया बेटा बनकर तीन महीने से घर में रह रहा था बहरूपिया

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द फॉलोअप टीम, हजारीबाग 
हम कई बार फिल्मो में या सीरियल में देखते हैं कि सालों बाद कोई खोया हुआ बेटा, पिता या पति घर लौट आता है। गांव वालों के साथ घर वाले भी उसे अपना लेते हैं। लेकिन हकीकत में ऐसी कहानियां बहुत कम सुनने को मिलती हैं। हजारीबाग के इचाक थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक वाकया सामने आया है। लेकिन इस कहानी में खोया हुआ बेटा बनकर लौटा शख्स एक बहरूपिया है। 
बहरूपिये का नाम मो. शफीक है। वह इचाक के झरपो गांव में कौलेश्वर मिश्रा के घर में तीन महीने से उनका खोया हुआ बेटा बनकर रह रहा था। बाद में घर वालों को शक हुआ और शफीक की पोल खुल गई। फिलहाल शफीक पुलिस की हिरासत में है। 

17 साल पहले खोया था कोलेश्वर मिश्रा को बेटा सुबोध 
कोलेश्वर मिश्रा का बेटा सुबोध मिश्रा आज से 17 साल पहले खो गया था। परिवार वालों ने कई सालों तक उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। घरवाले मान चुके थे कि अब उनका बेटा नहीं आएगा। लेकिन अक्टूबर महीने में शफीक परिवार का बेटा बनकर आया और परिवार वालों के साथ रहने लगा। परिवार के लोग इस बात से काफी खुश थे कि उनका बेटा लौट आया है। 

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बार-बार पैसे मांगने के कारण परिवार को होने लगा शक 
शफीक की हरकतों से धीरे-धीरे लोग उसपर शक करने लगे। वह अक्सर परिजनों से पैसे की मांग करता था। एक बार तो वह अपने कथित पिता से कुछ नगद पैसे और मोबाइल लेकर फरार हो गया। लेकिन अचानक फिर से शनिवार को वह झरपो आया और अपने परिजनों के पास गया। लेकिन इस बार गांव वाले बेवकूफ नहीं बने, सबने मिलकर उस ढोंगी को धर दबोचा और पुलिस को खबर की। ढोंगी ने स्वीकार किया की वह मो. शफीक है। उसे कौलेश्वर के बेटे की लापता होने की खबर थी, इसलिए वह उनका बेटा बनकर आया।