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झारखंड में नवंबर के अंत तक बदलेगी 129 नियुक्ति नियमावली, खुलेगी सरकारी नौकरी की राह! 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं के लिए नियमावली में बदलाव किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक कुल 129 नियमावली में बदलाव किया जायेगा। सरकार ने अलग-अलग विभागों में नियमावली बदलाव के लिए आदेश जारी किया है। सरकार ने कहा है कि हर हाल में नवंबर माह के अंत तक जेएसएससी द्वारा संचालित परीक्षा नियमावली में बदलाव कर लिया जाये। इसका त्वरित पालन किया जाए। 

अलग-अलग विभागों की समीक्षा बैठक जारी
गौरतलब है कि नियमावली में बदलाव के लिए मुख्य सचिव और कार्मिक विभाग अलग-अलग विभागों के साथ समीक्षा बैठक जारी है। प्रत्येक दिन कार्यप्रगति की रिपोर्ट ली जाती है। कहा जा रहा है कि नियमावली में संसोधन का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी। स्वीकृति मिलते ही विभागों में 1 लाख से अधिक पदों पर नियुक्तियों की अधियाचना राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी जायेगी। तब परीक्षा का संचालन होगा। 

प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही शुरू होगी नियुक्ति
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को निर्देश दिया गया है कि मंजूरी मिलते ही तुरंत विज्ञापन जारी कर परीक्षाएं ली जाये। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 29 दिसंबर को व्यापक पैमाने पर नियुक्ति पत्र का वितरण करेंगे। इसमें बड़ी संख्या में वैसे अभ्यार्थी भाग लेंगे जिन्होंने झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानोतं से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की हो। 

2 माह पहले जेएसएससी नियमावली में बदलाव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2 माह पहले ही जेएसएससी के विभिन्न परीक्षा संचालन नियमावली में बदलाव किया गया है। अराजपत्रित परीक्षाओं में झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास होना अनिवार्य किया गया है। अभ्यार्थियों को स्थानीय भाषा का ज्ञान होना भी जरूरी है। हालांकि आऱक्षित श्रेणी के अभ्यार्थियों को इसमें छूट दी गई है। इसकी वजह से पूर्व में प्रकाशित विज्ञापनों को रद्द कर दिया गया है। 

राज्य के कई विभागों में 3 लाख से ज्यादा पद खाली
गौरतलब है कि राज्य में फिलहाल विभिन्न विभागों में 3 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। ग्रामीण विकास विभाग में 1600 पद खाली हैं। श्रम नियोजन, प्रशिक्षण औऱ कौशल विकास विभाग में 900 पद खाली हैं। स्वास्थ्य विभाग में 750 पद खाली हैं। कल्याण विभाग में 500, उत्पाद विभाग में 500, महिला एंव बाल विकास विभाग में 350 सहित अन्य विभागों में कई पद खाली हैं। 5 लाख से ज्यादा स्वीकृत पदों में महज 2 लाख पदों को ही भरा गया है।