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अंतरिम जमानत पर रिहा मेवालाल को मंत्री बनाकर फंसे नीतीश, तेजस्वी बोले-भ्रष्टाचारी को पुरस्कृत किया गया

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द फॉलोअप टीम, पटना :
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती घोटाले के आरोपी डॉ. मेवालाल चौधरी को जदयू कोटे से फिर शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री पद दिए जाने से सियासी माहौल गरमा गया है। राजद ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने मेवालाल को मंत्री बनाए जाने से सरकार की छवि पर सवाल उठा दिया है।

'आरोपी मंत्री को शिक्षा मंत्री कैसे बनाया गया?'
बुधवार को तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामलों के आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का इनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?

मंत्री के खिलाफ एसआईटी के गठन की मांग
इससे पहले, राजद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि जिस भ्रष्टाचारी जदयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश कुमार ने मंत्री बना दिया है। दूसरी तरफ बिहार के नए शिक्षा मंत्री से पूछताछ के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने 17 नवंबर को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखकर मंत्री की पत्नी नीता चौधरी की रहस्यमय मौत की जांच कराने के लिए एसआईटी गठन करने की मांग की है। 

भागलपुर कृषि विवि के कुलपति भी रहे 
गौरतलब है कि नवनिर्वाचित जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी को राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से जीत मिली है। उन्हें पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले साल 2015 तक मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। 2015 में रिटायर होने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया।  चुनाव में जीत मिलने के बाद मेवालाल पर नियुक्ति घोटाले का गंभीर आरोप लगा। इस मामले में 2017 में केस दर्ज किया गया था। फिलहाल इस मामले में विधायक को कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है। 

'मंत्री से पत्नी की मौत के मामले में पूछताछ जरूरी'
वहीं, पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने डीजीपी को लिखे अपने पत्र में मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी की मौत मामले में भी उनसे पूछताछ की मांग की है। मेवालाल की पत्नी स्व. नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक थीं। वह राजनीति में खासी सक्रिय थीं और जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं। 2019 में सिलिंडर में लगी आग से झुलसकर उनकी मौत हो गई थी। 

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कांग्रेस ने भी मंत्री पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने भी डॉ. मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मेवालाल जैसों को शिक्षा मंत्री बना कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने अपनी छवि को खुद ही धूमिल कर राजनीतिक प्रतिष्ठा को हल्का बना दिया है। इस मामले में नीतीश कुमार पर प्रत्यक्ष रूप से आरोप लग रहा है। कहा जा रहा है कि जब मंत्री कोर्ट की अंतरिम जमानत पर हैं, तो उन्हें मंत्री बनाने की क्या जल्दीबाजी थी?