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पंजाब में किसान आंदोलन, रेल के बाद अब बिजली व्यवस्था चरमराई

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द फाॅलोअप टीम, चंडीगढ़
पंजाब में किसान आंदोलन को लेकर स्थिति विस्फोटक हो गयी है। पंजाब में ब्लैक आउट की पूरी संभावना है। बिजली का संकट भयानक रूप लेता दिख रहा है। पंजाब में राज्य बिजली बोर्ड अब राज्य में तीन से चार घंटे बिजली में कटौती कर रहा है। इसका कारण निजी क्षेत्र के तीन तापीय बिजली घरों में ईंधन नहीं होने से बिजली उत्पादन बंद होना बताया जा रहा है। कोयल से भरी मालगाड़ियां पंजाब बॉर्डर पर आकर रुकी हुई है। 

कृषि बिल के खिलाफ किसान आन्दोलित
पंजाब में कृषि बिलों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलनरत हैं। इसके चलते पंजाब में रेल गाड़ियों की आवाजाही ठप है। किसान कुछ जगहों पर पटरियों पर आंदोलन कर रहे हैं। बस इसी बात को लेकर मोदी सरकार उन्हें हटाने का बहाना लेकर बैठ गयी है। किसानों का कहना है कि वह मालगाड़ियों के संचालन में कोई बाधा नहीं डालेंगे लेकिन फिर भी केंद्र सरकार मान नहीं रही है। मोदी सरकार जिद पर अड़ गयी हैं कि पंजाब में सभी स्टेशन और पटरियां खाली किये जाने तक वह कोई रेलगाड़ी नहीं चलायेगी।

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जमीन पर स्थिति गंभीर: मुख्यमंत्री अमरिंदर
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि जमीन पर स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि राज्य के पास कोयला नहीं बचा है। मालगाड़ियों की आवाजाही निलंबित होने से न केवल कोयले की आपूर्ति पर असर पड़ा है, बल्कि रबी की फसलों के लिए उर्वरक की आपूर्ति तथा खाद्यान्न के परिवहन पर भी असर पड़ा है। राज्य में खाद की भी किल्लत होने लगी है।