द फॉलोअप डेस्क
ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने के अंदर आज से पूजा होगी। बुधवार को वाराणसी की जिला अदालत ने मामले की सुनाई करते हुए ज्ञानवापी (Gyanvapi) में हिंदुओं को पूजा का अधिकार दे दिया। वाराणसी कोर्ट (Varanasi court) ने हिंदुओं की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए ये फैसला सुनाया है। मिली खबर के मुताबिक हिंदू धर्मावलंबी अब ज्ञानवापी के व्यास तहखाने पूजा-अर्चना कर सकेंगे। बता दें कि ये तहखाना फिलहाल मस्जिद के नीचे है। पूजा की स्वीकृति के साथ अदालत ने पुलिस को संबंधित क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का आदेश जारी किया है। इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस को 7 दिनों का समय दिया है। पूजा का सारा विधि-विधान काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की ओर से पूरा किया जायेगा। हिंदू पक्ष के लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया है।
क्या कहा हिंदू पक्ष के वकील ने
बता दें कि 27 जनवरी को मामले से जुड़े हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में उसके मस्जिद होने के सबूत कम और मंदिर होने के साक्ष्य अधिक मिले हें। जैन ने ये बात मस्जिद का सर्वे कर चुके एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर कही है। बता दें कि इस रिपोर्ट को अभी सार्वजिनक नहीं किया गया है। लेकिन इसे लेकर कई तरह के दावे किये जा रहे हैं। हालांकि दोनों पक्ष को एएसआई (ASI) की रिपोर्ट मिल चुकी है। कुछ दिनों पहले इसका आदेश जिला जज ने जारी किया था। दोनों ही पक्ष से कोर्ट की ओऱ से आग्रह किया गया है कि वे फिलहाल इस रिपोर्ट को सार्वजनिक न करें। हां, रिपोर्ट के आधार पर वे आगे अपनी दलीलें कोर्ट में पेश कर सकते हैं।
मामले में अबतक क्या-क्या हुआ
ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद बढ़ने पर कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने मस्जिद के भवन का सर्वे किया था। इसी के तहत पिछले दिनों वजू खाने की सफाई का भी आदेश दिया गया था। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि जो भवन इस समय मौजूद है, उसे मंदिर तोड़कर बनाया गया है। इसकी बुनियाद और संरचना लगभग 350 साल पुरानी है। वहीं, अबतक मंदिर होने के जो साक्ष्य मिले हैं, वो इससे भी पुराने हैं। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि मंदिर के साक्ष्य हासिल करने के लिए पुरातत्व विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्योंकि पुराने भवन को गिराकर यहां मस्जिद का निर्माण किया गया है।
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