द फॉलोअप नेशनल डेस्क
लोकसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा ‘हम रील नहीं बनाते, कड़ी मेहनत करते हैं’। वे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के उस बयान पर जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा है कि.भाजपा के मंत्री अपनी विफलताओं के लिए नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेते है। पिछले 2 महीनों में 4 मालगाड़ियां पटरी से उतर गईं, 14 लोग मारे गए और कई घायल हुए लेकिन इसके बावजूद रेल मंत्री ने कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं ली। रेल मंत्री ने इसके जवाब में आगे कहा, "हम वो लोग नहीं हैं जो रील बनाते हैं, हम कड़ी मेहनत करते हैं, आप की तरह रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं है।“
और क्या कहा रेल मंत्री ने
रेल मंत्री ने कहा, "लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को अधिक सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम-558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं।''
क्या कहा है कांग्रेस सांसद ने
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने रेल दुर्घटनाओं पर रेल मंत्री को निशाने पर लिया है। गोगोई ने कहा, ".भाजपा के मंत्री अपनी विफलताओं के लिए नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेते। पिछले 2 महीनों में 4 मालगाड़ियां पटरी से उतर गईं, 14 लोग मारे गए और कई घायल हुए लेकिन इसके बावजूद रेल मंत्री ने कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं ली और विपक्ष को धमकाने की कोशिश की। पिछले साल बालासोर में करीब 300 लोग मारे गए। पिछले 1-2 सालों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है लेकिन रेल मंत्री रील बनाने में व्यस्त हैं, वह रेल मंत्री नहीं बल्कि 'रील मंत्री' हैं, 'डिरेलमेंट मंत्री' हैं, जो दुर्घटनाएं हो रही हैं उसके आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।“ कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भाजपा की परंपरा है कि कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता।