द फॉलोअप डेस्क
विदेश की विमानन कंपनी विस्तारा का आज 11 अक्टूबर 2024 को सबसे बड़ी विमानन कंपनी एयर इंडिया में विलय हो जाएगा। इस विलय के बाद विस्तारा एयर इंडिया ग्रुप में शामिल हो जाएगी। एयर इंडिया ग्रुप में शामिल होने से पहले विस्तारा की फ्लाइटों को उड़ान भरने का आज आखिरी दिन है। इसके साथ ही, तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में पूर्ण सेवा देने वाली एयरलाइंस की संख्या पिछले 17 सालों में पांच से घटकर सिर्फ एक रह जाएगी। इस विलय के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों के उदारीकरण के बाद बनी एक विदेशी एयरलाइन के संयुक्त स्वामित्व वाली एक और भारतीय एयरलाइन का अवसान हो जाएगा।
2012 में विस्तारा लॉन्च हुई थी
विदेशी स्वामित्व वाली विस्तारा में 49% हिस्सेदारी रखने वाली सिंगापुर एयरलाइंस के पास विलय के बाद एयर इंडिया में सिर्फ 25.1% हिस्सेदारी रह जाएगी। साल 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विदेशी एयरलाइंस को एक घरेलू एयरलाइन में 49% तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी। इसके बाद अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज में खाड़ी क्षेत्र की एयरलाइन एतिहाद ने 24% हिस्सेदारी हासिल की और दूसरी ओर एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का जन्म हुआ।
डूब गई ये एयरलाइन कंपनी
विस्तारा पिछले 10 वर्षों में परिचालन शुरू करने वाली एकमात्र पूर्ण सेवा वाला वायुयान भी है। वर्ष 2007 में पूर्ण सेवा वाहक (एफएससी) इंडियन एयरलाइंस के एयर इंडिया के साथ विलय के बाद से कम से कम पांच एफएससी ने भारत में शुरुआत की। हालांकि, समय के साथ किंगफिशर और एयर सहारा गायब हो गए। किंगफिशर 2012 में बंद हो गई, जबकि एयर सहारा का जेट एयरवेज ने अधिग्रहण किया। इसका नाम बदलकर जेटलाइट कर दिया गया और यह 2019 में जेट एयरवेज के साथ डूब गई।