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UGC-NET पेपर लीक मामला : डार्कवेब पर 6 लाख में बेचे गये प्रश्नपत्र, CBI ने दर्ज की प्राथमिकी

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 

UGC-NET पेपर लीक मामले में नया खुलासा करते हुए जांच एजेंसी ने बताया है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र डार्कवेब पर 6 लाख में बेचे गये हैं। बता दें कि UGC-NET पेपर परीक्षा के पेपर लीक की पुष्टि पहले हो चुकी है। परीक्षा के 48 घंटे पहले UGC-NET पेपर लीक हो गया था। जांच में लगे अधिकारियों ने बताया है कि डार्कवेब और एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे 6 लाख रुपये तक में बेचा गया। इस मामले प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने ये जानकारी दी है। नीट पेपर लीक के बाद सवालों के घेरे में आये केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेट परीक्षा कराए जाने के अगले दिन इसे रद्द कर दिया था। लेकिन पेपर लीक की बात को मानने से इनकार कर दिया था। 

11 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था
गौरतलब है कि नेट परीक्षा में देशभर से 11 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। बहरहाल सीबीआई ने प्राथमिकी में अज्ञात व्यक्तिओं को आरोपी बनाया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सूचना से पता चलता है कि प्रथम दृष्टया परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि लीक हुए पेपर के पीछे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का रैकेट काम कर रहा है। अब सीबीआई के रडार पर कई राज्यों के कोचिंग सेंटर भी आ गये हैं। इनमें से अधिकतकर कोचिंग संस्थान में नेट और मेडिकल कोर्स के लिए नीट के साथ आईएएस जैसी परीक्षाओं की तैयारी करायी जाती है। इसके अलावा पेपर सेट करने वाले गैंग भी सीबीआई के रडार पर हैं।  

क्यों जरूरी है नेट परीक्षा 

बता दें कि हायर एजुकेशन संस्थानों में शिक्षक पदों के लिए UGC-NET परीक्षा को क्वालिफाई करना अनिवार्य होता है। यह यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा है। इसमें सफलता मिलने के बाद कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके साथ ही ये फेलोशिप के लिए योग्यता परीक्षा है। इस बार परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया था। 


 

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