द फॉलोअप डेस्क
महाकुंभ के पवित्र संगम में जहां श्रद्धा और भक्ति का सागर उमड़ रहा है, वहीं कुछ चेहरे सोशल मीडिया के सैलाब में फंसकर सुर्खियां बटोरने के बाद अब परेशानी का सामना कर रहे हैं। शुरुआत में ये लोग यूट्यूबर्स और मीडिया के चहेते बने, लेकिन अब पहचान का बोझ और तंग करने वाली भीड़ ने उन्हें अलग राह पकड़ने पर मजबूर कर दिया है।
साध्वी हर्षा रिछारिया: रथ से शोहरत, लेकिन अब सुकून की तलाश
निरंजनी अखाड़े की साध्वी हर्षा रिछारिया का रथ पर सजीव दृश्य सोशल मीडिया पर छा गया। उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व ने रातोंरात उन्हें इंटरनेट का स्टार बना दिया। लेकिन इस अति-प्रसिद्धि का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा। परेशान होकर उन्होंने महाकुंभ छोड़ने का निर्णय लिया। अपने इंस्टाग्राम वीडियो में वह फूट-फूटकर रोते हुए ट्रोल्स और सोशल मीडिया की आलोचना का सामना करने की आपबीती साझा करती हैं।
मोनालिसा: मास्क, चश्मा और सोशल मीडिया की धमकियां
माला बेचने वाली मोनालिसा का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यूट्यूबर्स और भीड़ ने उन्हें इस कदर परेशान किया कि अब वह मास्क और चश्मे में छुपकर बाहर निकल रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमकियों और उत्पीड़न के चलते उन्होंने भी महाकुंभ से दूरी बना ली।
आईआईटीयन बाबा: विवादित बयान और निष्कासन
जूना अखाड़े के आईआईटीयन बाबा, जिनका असली नाम अभय सिंह है, अपनी सनसनीखेज बयानबाजी के कारण चर्चा में आए। उन्होंने खुद को विष्णु घोषित कर सनातन परंपराओं को चुनौती दी। नतीजतन, जूना अखाड़े ने उन्हें निष्कासित कर दिया। बाबा की धमकी भरी बातें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं।
चिमटे वाले बाबा: गुस्से का चिमटा
चिमटे वाले बाबा का गुस्सा भी महाकुंभ की हलचल में चर्चा का केंद्र बन गया। एक यूट्यूबर से झगड़े के बाद उन्होंने अपने चिमटे से उसे कान पर मार दिया। बाबा का आरोप है कि मीडिया और यूट्यूबर्स उनकी छवि खराब कर रहे हैं।
महाकुंभ के इन वायरल चेहरों की कहानी बताती है कि अचानक मिली लोकप्रियता किस तरह बोझ बन सकती है। यह घटनाएं एक सवाल खड़ा करती हैं: क्या सोशल मीडिया की दुनिया में निजी जीवन की सुरक्षा और मानसिक शांति संभव है?