द फॉलोअप डेस्क
राम मंदिर को लेकर मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि पहली बारिश में ही रामलला के मंदिर का छत टपकने लगी है। पुजारी ने कहा है कि जहां रामलला विराजमान है, वहां पहली ही बारिश में पानी चूने लगा है, जिसकी जांच होनी चाहिए। बता दें कि 22 जनवरी को भव्य तरीके से राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। अभी इसे 6 महीने भी नहीं हुआ कि मंदिर को लेकर शिकायतों का दौर शुरू हो गया है।
समस्या का समाधान जल्द होना चाहिए
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि जो राम बना है,उससे पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है। ऊपर से बारिश के इस मौसम में पानी चूने लगा है। उन्होंने कहा कि ये समस्या बहुत बड़ी है, सबसे पहले इस समस्या का समाधान होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर के पूर्ण निर्माण पर कहा कि अगर ऐसे कहा जा रहा है कि मंदिर का पूरा निर्माण कार्य 2025 में पूरा हो जाएगा तो ये अच्छी बात है, लेकिन ऐसे अंसभव है। अभी मंदिर में बहुत कुछ बनाने के लिए बाकी है।
देश-दुनिया के रामभक्तों के पैसे से बन रहा मंदिर
बता दें कि 70 एकड़ में फैले इस राममंदिर का पूर्ण निर्माण इस साल के अंत तक होने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स की मानें तो राम लला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन तक मंदिर बनाने में 1100 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कहा जा रहा था कि काम पूरा करने के लिए 300 करोड़ की और जरूरत पड़ेगी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ के अनुसार मंदिर बनाने में न केंद्र की सरकार ने, न राज्य की सरकार ने पैसा दिया है। ये सारा पैसा रामभक्तों ने देश भर से दिया है, दुनिया भर से दिया है। एक-एक पाई का हिसाब राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देगा।