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जोहार! : देश के नाम अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू  ने कही ये बात  

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दिल्लीः
देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बन गयी हैं।  राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरूआत जोहार ! नमस्कार ! से की और कहा मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे। 


यह महज एक संयोग 
अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा कि ये एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में है तब मुझे ये नया दायित्व मिला है। 


गरीब का आशीर्वाद शामिल 
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे यहां तक पहुंचने में गरीबों का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझमें अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। 


सबका धन्यवाद 
ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, तब मुझे ये जिम्मेदारी मिलना बहुत सौभाग्य है। मैं सभी सांसदों और विधायकों का आभार व्यक्त करती हूं आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में सभी को धन्‍यवाद दिया

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