देश में अब इंडिया बनाम भारत को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में नई जंग छिड़ गई है। दरअसल, यह पूरा विवाद शुरू हुआ जी-20 को लेकर आयोजित रात्रिभोज के आमंत्रण पत्र पर जिसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा था। विपक्ष ने इस बात पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और डीएमके सहित विपक्षी गठबंधन की अन्य पार्टियों ने भी विरोध जताते हुए कहा कि बीजेपी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया है।
राघव चड्ढा ने बदलाव पर क्या कहा
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एक्स पर लिखा कि जी20 सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने के बीजेपी के हालिया कदम से सार्वजनिक बहस छिड़ गई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कैसे इंडिया को खत्म कर सकती है। यह देश किसी एक राजनीतिक दल का नहीं है बल्कि 135 करोड़ भारतीयों का है। उन्होंने कहा कि देश की राष्ट्रीय पहचान बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है जो इच्छानुसार बदले। वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि विपक्षी गठबंधन का नाम हमने भारत कर दिया तो क्या बीजेपी उसे भी बदल देगी।
एमके स्टालिन ने कहा कि बीजेपी घबरा गई
पिछले दिनों बेटे उदयनिधि द्वारा सनातन धर्म पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद सुर्खियों में रहे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि फासीवादी बीजेपी शासन को उखाड़ फेंकने के लिए गैर-बीजेपी दलों के एकजुट होने और उसे इंडिया नाम देने से बीजेपी ने इसे भारत में बदलदिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश बदलने का वादा किया था लेकिन 9 वर्षों बाद केवल नाम ही बदल पाई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी घबरा गई है।
इस विवाद पर कांग्रेस की आपत्तियों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को देश के राष्ट्रीय गौरव के प्रतीकों से आपत्ति क्यों है।