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दिल्ली : राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक की सड़क का तीसरी बार बदला नाम, ऐसा रहा सफरनामा

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डेस्क:
मोदी सरकार (Modi government) ने राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक (Rashtrapati Bhavan to India Gate) के सड़क मार्ग का नाम बदल दिया है। इस सड़क को अब राजपथ नहीं बल्कि कर्तव्य पथ कहा जाएगा। शिक्षक दिवस (Teacher's day) के अवसर पर केंद्र सरकार (Central Government) ने इसका ऐलान किया था।जानकारी के अनुसार राजपथ से लेकर सेंट्रल विस्टा लॉन (central vista lawn) तक का नाम कर्तव्यपथ होगा। बता दें कि कार्यक्रम के ‌अनुसार 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे।

गुलामी की हर चीज से देश को कराएंगे मुक्त
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलामी की हर चीज से देश को मुक्त की बात कही थी। साथ ही पीएम ने 2047 तक कर्तव्यों के महत्व की बात भी कही थी। इसके बाद कयास लगाया गया था कि राजपथ का नाम बदला जाएगा। अब सूत्रों के अनुसार 7 सितंबर को यानि NDMC की एक बैठक होने वाली थी जिसमें इस पर मुहर लगना है। 

NDMC ने बताया ऐतिहासिक फैसला
राजपथ का नाम 'कर्तव्य पथ' करने के प्रस्ताव को अनुमति देने के लिए नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) में बुधवार को एक विशेष बैठक होना था। एनडीएमसी ने विशेष बैठकर में राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन की पूरी सड़क को ‘कर्तव्यपथ’ के नाम से जाना जाएगा बीजेपी की लोकसभा सासंद मीनाक्षी लेखी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। मीनाक्षी लेखी ने सभी देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि राजपथ का नाम बदलने का फैसला मातृभूमि की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

तीसरी बार बदला जा रहा नाम 
बता दें कि ये तीसरी बार है जब राजपथ का नाम बदला जा रहा है। ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) हुआ करता था। आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है। अब फिर से इसका नाम राजपथ से कर्तव्य पथ करने की तैयारी की जा रही है।

राजपथ का क्या है इतिहास?
1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनाई गई थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था। 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई, तो नई राजधानी को डिजाइन करने का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया। 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ था। तब इसे किंग्सवे यानी 'राजा का रास्ता' कहा जाता था।आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'राजपथ' रखा गया। हालांकि, ये किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था। 75 सालों से राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड हो रही है।अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर 'कर्तव्यपथ' रखने का फैसला लिया है