द फॉलोअप डेस्क
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लंबे समय से राज्य में जारी जातीय हिंसा को लेकर वे विपक्ष के निशाने पर थे, और उनके इस्तीफे की मांग इंफाल से लेकर दिल्ली तक जोर पकड़ रही थी। कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में मणिपुर की हिंसा और महिलाओं के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को बड़ा मुद्दा बनाकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा था। इसी बीच, बीते कुछ घंटों से दिल्ली और इंफाल में लगातार राजनीतिक चर्चाएं चल रही थीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इस्तीफे की पुष्टि और वायरल पत्र
राजभवन ने इस घटनाक्रम की पुष्टि कर दी है, और मुख्यमंत्री का इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अपने पत्र में एन बीरेन सिंह ने लिखा कि मणिपुर के लोगों की सेवा करना उनके लिए गर्व की बात रही है। उन्होंने केंद्र सरकार के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया और मणिपुर के विकास कार्यों को जारी रखने का अनुरोध किया।
सरकार की प्रमुख उपलब्धियां
अपने इस्तीफे में बीरेन सिंह ने सरकार की कुछ अहम नीतियों का उल्लेख किया, जिनमें शामिल हैं:
• मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखना।
• सीमा पर घुसपैठ रोकने और अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के लिए नीति लागू करना।
• नशीली दवाओं और नार्को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखना।
• बॉयोमीट्रिक पंजीकरण को लागू करते हुए एफएमआर में संशोधन।
• राज्य की सीमाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना।
इस्तीफा देने के बावजूद बीरेन सिंह ने यह स्पष्ट किया कि वे मणिपुर में शांति और विकास के लिए काम करते रहेंगे। उनके पद छोड़ने के बाद अब मणिपुर की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना जताई जा रही है।