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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हुए लालकृष्ण आडवाणी, लिखा ये भावुक पत्र 

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द फॉलोअप डेस्क 

अयोध्या में कल यानी 22 जनवरी को राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) के प्रणेता रहे लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) शामिल नहीं हो पाये, लेकिन इसके बाद उन्होंने एक भावुक पत्र लिखा है। आडवाणी ने पत्र में लिखा है, इस पावन अवसर के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। हम मंदिर के सपने को साकार करने के कगार पर खड़े हैं। श्रीराम मंदिर बनाना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना था। 22 जनवरी को पीएम मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की। मैं धन्य महसूस करता हूं कि इस ऐतिहासिक कार्य में मेरा योगदान रहा। उन्होंने आगे लिखा है, श्रीराम भारतीय जनमानस की भावना का प्रतीक हैं। श्रीराम के जीवन की कहानी, रामायण एक बेहतर जीवन का ध्येय हैं। 

क्यों शामिल नहीं हुए आडवाणी 

बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी को राम मंदिर आंदोलन का मुखिया माना जाता है। वे उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो पाये। इसका कारण उनकी बढ़ी हुई उम्र बताया जा रहा है। वे 96 साल के हो चुके हैं। साथ ही सर्दी के मौसम और बढी हुई ठंड के कारण चिकित्सकों ने उनको अयोध्या की यात्रा करने से रोक दिया। वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी उनको सेहत का ख्याल रखते हुए समारोह में शामिल नहीं होने का आग्रह किया था। हालांकि उनको ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण भेज दिया गया था। इस कारण उनके आने और न आने पर संशय बना हुआ था। विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने बयान दिया था कि आडवाणी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। 


आंदोलन से जुड़े इन नेताओं ने भी नहीं की शिरकत 

गौरतलब है कि आडवाणी ऐसे पहले नेता नहीं हैं, जो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए। उनके साथ मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी अयोध्या नहीं पहुंची। इन दोनों नेताओं ने भी स्वास्थ्य कारणों से अयोध्या के समारोह में शिरकत नहीं की। खबर है कि जोशी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया। लेकिन बाद में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने उनको समारोह में न आने का आग्रह किया। एक अन्य खबर के मुताबिक उमा भारती अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद अयोध्या पहुंचीं। इसके बाद उनको तेज बुखार आ गया और वे समारोह में शामिल नहीं हो पायीं।