द फॉलोअप डेस्क
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। समिति ने 44 प्रस्तावित बदलावों में से 14 को स्वीकार किया है। यह रिपोर्ट आगामी बजट सत्र में संसद के समक्ष पेश की जाएगी। समिति का नेतृत्व भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे थे। विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा-नीत एनडीए के प्रस्तावित सभी 10 संशोधन स्वीकार किए गए, जबकि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत बदलावों को खारिज कर दिया गया। विपक्ष के संशोधन 10-16 के अंतर से अस्वीकृत हुए, वहीं भाजपा के संशोधनों को 16-10 के बहुमत से मंजूरी मिली। समिति के अनुसार, इन बदलावों का उद्देश्य कानून को अधिक प्रभावी बनाना है।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी सांसदों ने समिति की कार्यवाही की तीखी आलोचना की। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि उनकी बातों को सुना ही नहीं गया और समिति के अध्यक्ष ने "तानाशाही तरीके" से काम किया। दूसरी ओर, जगदंबिका पाल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी फैसले लोकतांत्रिक प्रक्रिया और बहुमत के आधार पर लिए गए।
महत्वपूर्ण संशोधन
समिति ने एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत यह प्रावधान किया कि 'वक्फ बाय यूजर' के आधार पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती, बशर्ते उनका उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा हो। बैठक में भाजपा के सभी संशोधनों को मंजूरी मिली, जबकि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत सभी प्रस्ताव खारिज हो गए। समिति का कहना है कि स्वीकृत संशोधन कानून को ज्यादा स्पष्ट और उपयोगी बनाएंगे।