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भारत की सख्त जलनीति से पाकिस्तान में हड़कंप, चिनाब में अचानक छोड़ा 28,000 क्यूसेक पानी, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

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द फॉलोअप डेस्कः
'ऑपरेशन सिंदूर' से अब तक उबर नहीं पाए पाकिस्तान को भारत की ओर से एक और करारा झटका लगा है। ताज़ा घटनाक्रम में भारत ने चिनाब नदी में मारला बांध की दिशा में अचानक 28,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया, जिससे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब भारत ने 24 घंटे तक बगलिहार और सलाल बांधों के सभी गेट बंद रखकर पाकिस्तान में पानी की आपूर्ति को लगभग रोक ही दिया था।


शनिवार को जब भारत ने चिनाब का बहाव 25,000-30,000 क्यूसेक से घटाकर महज 3,100 क्यूसेक कर दिया था, तब पाकिस्तान के कई हिस्सों में नदियां लगभग सूख गईं। स्थिति इतनी भयावह थी कि लोग नदी तल पर पैदल चलने लगे थे। और फिर भारत ने बिना पूर्व सूचना अचानक 28,000 क्यूसेक पानी छोड़कर पाकिस्तान को जल संकट से बाढ़ के संकट में धकेल दिया।  इस अचानक पानी छोड़े जाने के कारण पाकिस्तान के सियालकोट, गुजरात और हेड कादिराबाद जैसे इलाकों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इससे हजारों लोगों के घर, फसलें और बुनियादी ढांचा खतरे में आ गया है।


पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण के प्रवक्ता ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की मात्रा में 90% तक की कटौती कर दी है। इसका सीधा असर खरीफ फसलों की सिंचाई पर पड़ रहा है और खाद्य संकट की आशंका मंडरा रही है। यदि यही स्थिति बनी रही तो खेतों में पानी की आपूर्ति में पांचवां हिस्सा कम करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को प्रभावहीन मानते हुए पाकिस्तान को पानी देने की बाध्यता से हाथ पीछे खींच लिए हैं। 1960 में हुई यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे की एकमात्र कानूनी व्यवस्था थी, लेकिन अब भारत अपनी रणनीति में सख्ती दिखा चुका है।