द फॉलोअप डेस्क
XLRI, टाटा के प्लैटिनम जुबली समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जायेगा। धनखड़ ने रविवार को हुए समारोह का उद्घाटन टाटा स्टील के सीइओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन, XLRI के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, डीन एडमिन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा, डीन एकेडमिक प्रो संजय पात्रो के साथ संयुक्त रूप से किया। मौके पर उनके साथ झारखंड राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए सफलता पूर्वक 75 साल पूरे करना बड़ी बात होती है। लेकिन जब किसी संस्थान के 75 साल होने के बाद भी जब उसके प्रति लोगों में सम्मान का भाव रहे, तो यह वाकई गौरवान्वित करने वाली बात होती है। उन्होंने XLRI को उत्कृष्टता और राष्ट्र निर्माण के 75 वर्ष पूरे करने पर बधाई दी।
47 की यात्रा 6 साल में पूरी की
धनखड़ ने कहा कि इस समय भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी है। 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा। कहा कि विश्व बैंक ने भी यह माना है कि डिजिटल समावेशन के लिए भारत ने 6 वर्षों में जो हासिल किया है, उसे करने में दुनिया को आमतौर पर 47 साल लग जाते हैं। कहा कि भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम इतना शानदार है कि इसे सिंगापुर जैसे देश ने भी अपनाया। यूपीआई लेनदेन के मामले में भारत यूके, यूएस, जर्मनी और फ्रांस की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के डिजिटल भुगतान को पार कर गया है। हमारा लेन-देन इन देशों के लेन-देन से 4 गुना अधिक होता है। हमारी प्रति व्यक्ति मोबाइल डेटा खपत एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह हमारी तकनीकी पहुंच को दर्शाता है।
नये आइडियाज का आदान-प्रदान होगा
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कि XLRI पिछले 75 वर्षों से प्रबंधन शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। कहा कि यहां के सफल छात्र विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। XLRI की प्लैटिनम जुबली न केवल चिंतन का समय है, बल्कि भविष्य के नेताओं को आकार देने के लिए भी ये अहम है। समारोह को XLRI के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, डीन एडमिन फादर डोनाल्ड डिसिल्वा ने भी संबोधित किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने XLRI के छात्रों को भारतीय संसद का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया। कहा कि 31 जनवरी 2024 से पहले इंटरनेशनल काउंसिल फॉर वर्ल्ड अफेयर्स व XLRI के बीच एक एमओयू होगा। इसके जरिए नये आइडियाज का आदान-प्रदान हो सकेगा।