द फॉलोअप डेस्क:
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित रूप से यह जानकारी दी है कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबल के 134 जवानों ने अपनी शहादत दी है। गृह राज्यमंत्री ने बताया कि 2018-2022 के बीच पिछले 5 साल में भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, जम्मू कश्मीर पुलिस और विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के 134 जवानों ने शहादत दी है। ये सभी जवान आतंक रोधी ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए हैं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के फैसले के बीच आतंकवाद खत्म होने का दावा किया जा रहा है।
The security personnel of the Army, CAPFs and Jammu and Kashmir Police including Special Police Officers (SPOs) who were killed in encounters during the last five years from 2018 to 2022 are 134: MoS Home Nityanand Rai in a written reply to Lok Sabha
— ANI (@ANI) December 12, 2023
पिछले 3 महीने में करीब 1 दर्जन जवानों ने दी शहादत
गौरतलब है कि पिछले 3 महीने में ही जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ जंग में तकरीबन 1 दर्जन जवानों ने जान गंवाई है। इनमें कैप्टन मेजर रैंक के अधिकारी भी हैं। सितंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी में कर्नल, मेजर और डीएसपी शहीद हो गए। 2 जवानों ने भी शहादत दी। राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस में डीएसपी हुमायूं भट्ट, कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष का नाम शामिल है।
सीमापार आतंकवाद की घटनाएं चिंताजनक
नवंबर में भी जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 2 अधिकारियों सहित 4 जवान शहीद हो गए थे। राजौरी सेक्टर में सीमापार आतंकवाद के खिलाफ अभियान में हिस्सा ले रहे सेना के 2 कैप्टन और 2 जवानों की मौत हो गई थी। एक मेजर और एक जवान घायल भी हुए थे। सीमापार घुसपैठ, अलगाववाद और शांति के दावों के बीच ये आंकड़े चिंताजनक हैं।