दिल्ली:
देश के किसी भी विश्वविद्यालय में अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम में मार्क्स के आधार पर दाखिला नहीं लिया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को एक एंट्रेंस टेस्ट देना होगा। इस एंट्रेस टेस्ट का नाम होगा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET)। मंगलवार को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के चेयरमैन एम जगदीश कुमार (M Jagadesh Kumar) ने इसका एलान किया। परीक्षा का आयोजन हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ भाषा सहित कुल 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
स्टूडेंट फ्रेंडली सुधार के लिए उठाया कदम
समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) से बातचीत में यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि हमने केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central University) में यूजी प्रोग्राम में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (Common University Entrance Test) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि हम छात्रों को बहुत सारे मौके दे रहे हैं। एम जगदीश कुमार ने कहा कि सीयूईटी दरअसल, स्टूडेंट फ्रेंडली सुधार के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय और निजी विद्यालयों भी 12वीं के मार्क्स की बजाय सीयूईटी में हासिल अंक को दाखिले का आधार बना सकते हैं।
आरक्षण-रिजर्वेशन पॉलिसी में बदलाव नहीं
एम जगदीश कुमार ने कहा कि हमने विश्वविद्यालयों को बताया कि आरक्षण और रिजर्वेशन पॉलिसी में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा लेकिन दाखिला सीयूईटी के आधार पर ही लेना होगा। 12वीं में हासिल अंक दाखिले का आधार नहीं बनेगा। एम जगदीश कुमार ने कहा कि सीयूईटी के लिहाज से मैं विद्यार्थियों से कहना चाहूंगा कि अपनी पढ़ाई और तैयारी पर ध्यान दें। मार्क्स को लेकर परेशान ना हों। 12वीं का मार्क्स दाखिले का आधार नहीं बनेगा।
क्यों लिया जा रहा है कॉमन यूनिवर्सिटी टेस्ट!
गौरतलब है कि यूजीसी ने बीते 21 मार्च को ही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का एलान कर दिया था। ये एलान सभी यूजीसी फंडेड केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए था। ये सेशन 2022-23 के लिए किया गया। परीक्षा का आयोजन 13 भाषाओं में किया जाएगा। इसमें हिंदी, इंग्लिश, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित कई भाषायें शामिल है।
किस प्रक्रिया के तहत ली जाएगी परीक्षा
यूजीसी के मुताबिक सीयूईटी-2022 के पेपर का पैटर्न 2 सेक्शन में होगा। सेक्शन वन बी ऑप्शनल होगा। यहां छात्र अपनी पसंद की भाषा का चुनाव कर सकेंगे। इसके अलावा यदि कोई फ्रेंच या जर्मन में से किसी का चुनाव करना चाहते हैं तो उसका भी ऑप्शन होगा। दूसरा सेक्शन विषय आधारित होगा। छात्र अपनी पसंद से किसी भी 6 डोमेन का चुनाव कर सकते हैं जिसमें वे आगे ग्रेजुएशन करना चाहते हैं।