द फॉलोअप डेस्क
अमेरिकी सरकार ने ईरान के साथ कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार में शामिल होने के कारण भारत की 4 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ईरान पर दबाव बढ़ाने की नीति का हिस्सा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, नवी मुंबई स्थित फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, एनसीआर की बीएसएम मैरीन और ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, तथा तंजावुर की कॉसमोस लाइंस पर ये प्रतिबंध लागू किए गए हैं।
इनमें से पहली तीन कंपनियों पर ईरानी तेल ले जाने वाले जहाजों का प्रबंधन करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि कॉसमोस लाइंस पर ईरानी तेल के परिवहन में शामिल होने के लिए रोक लगाई गई है। इसके अलावा, अमेरिका ने संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग के तेल ब्रोकरों और भारत तथा चीन के टैंकर ऑपरेटरों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ईरान की तेल से होने वाली आय का उपयोग उग्रवादी गतिविधियों में किया जाता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा को खतरा होता है। इसलिए, उन संस्थाओं पर कार्रवाई करना आवश्यक है जो ईरानी तेल के परिवहन में शामिल हैं। अमेरिकी सरकार के अनुसार, एशियाई बाजारों में ईरानी तेल बेचा गया है।
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी सरकार ने भारतीय कंपनियों पर इस प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं। पिछले अक्टूबर में, अमेरिका ने भारत स्थित गब्बारो शिप सर्विसेज पर प्रतिबंध लगाया था। इसके अलावा, अगस्त और सितंबर में तीन अन्य भारतीय कंपनियों पर भी अमेरिकी प्रतिबंध लगाए गए थे, जिन पर रूस की एलएनजी के परिवहन का आरोप था।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर सख्ती बढ़ाते हुए उसकी आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि वह आतंकवाद के लिए धन एकत्रित न कर सके।